सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवमानना कर रहे हैं योगी, सुप्रीम कोर्ट करे कार्यवाई- शाहनवाज़ आलम
योगी बताएं कि 69 हज़ार शिक्षक भर्ती में पिछड़ों का आरक्षण क्यों खा गयी उनकी सरकार
पटना। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे के पक्ष में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नकारात्मक टिप्पणी करके सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे के पक्ष में फैसला सुनाया था लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग़ाज़ियाबाद के खैर विधानसभा उपचुनाव में प्रचार के दौरान एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे के खिलाफ़ टिप्पणी की थी।
बिहार के सह प्रभारी शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना और उसे क्रियांवित कराना संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्तियों की ज़िम्मेदारी होती है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने एएमयू के अल्पसंख्यक चरित्र के पक्ष में फैसला दिया है तो मुख्यमंत्री को इसपर सवाल उठाने के बजाए उसका सम्मान करना चाहिए। अगर वो इसके खिलाफ़ टिप्पणी करते हैं तो इसका सीधा अर्थ है कि मुख्यमंत्री न्यायपालिका की अवमानना कर रहे हैं। जो एक गंभीर अपराध है और सुप्रीम कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री के खिलाफ़ अवमानना की कार्यवाई करनी चाहिए। शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सिर्फ़ फैसला देकर आँख बंद नहीं कर सकता उसे अपने फैसलों की अवमानना करने वालों के खिलाफ़ कार्यवाई भी करनी होगी।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि संविधान का अनुछेद 30 अल्पसंख्यकों को अपने शैक्षिक संस्थान बनाने और उसका स्वायत्त तरीके से संचालन करने का अधिकार देता है। इसलिए मुख्यमन्त्री की टिप्पणी संविधान के भी खिलाफ़ है। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ जी को एएमयू में आरक्षण पर बात करने के बजाए यह बताना चाहिए कि 69 हज़ार शिक्षक भर्ती में उनकी सरकार ने पिछड़ों के आरक्षण को क्यों न लागू किया जिसके चलते कोर्ट ने भी उन नियुक्तियों को अवैध घोषित कर दिया था। उन्होंने कहा कि भाजपा उत्तर प्रदेश में फिर से सामंती व्यवस्था को लागू कर दलितों और पिछड़ों को गुलाम बनाना चाहती है जिससे इन वर्गो को सावधान रहने की ज़रूरत है।
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