मुश्किल में मठ की मालकिन,जबरन मठाधीश बनने की कोशिश कर रहे म्यांमार के मंडला
वाराणसी के बौद्ध मठ पर जबरन कब्जा या भू माफियाओं का षड़यंत्र
वाराणसी के मलदहिया निवासी प्रिया राव ने वाराणसी जिला प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि कुछ भू-माफियाओं के साथ मिलकर म्यामार निवासी यू मण्डला सिगरा थाने के प्लाट नं0 एस17/330 स्थित मठ पर कब्जा करने में लगा हुआ है और प्रशासन उनकी पूरी मदद कर रहा है। प्रिया जिले के आला अधिकारियों से गुहार लगाकर हार चुकी हैं लेकिन कहीं पर भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
इस बाबत प्रिया राव का कहना है पहले इस मठ के प्रमुख बौद्धिस्ट डॉ आसीन गंभीरा थे। डॉ आसीन गंभीरा के साथ ए.लक्ष्मी जो की प्रिया राव की बुआ हैं रहती थी। ए लक्ष्मी से प्रभावित होकर डॉ आसीन गंभीरा ने 24.02.2006 को एक वसीयत बनाकर मठ की सारी सम्पत्ति का मालिक ए.लक्ष्मी को कर दिया। इसी मठ में डॉ आसीन गंभीरा ने एक बौद्ध मंदिर बना रखा था जिसके संचालन के लिए उन्होंने एक ट्रस्ट भी बना रखा था। यही नहीं इस बौद्ध मंदिर के पूजा के लिए उन्होंने एक पूजारी के रूप में म्यामार निवासी यू मण्डला को भी रखा। लेकिन यू मण्डला की खराब होती नीयत को भांपकर डॉ आसीन गंभीरा ने यू मण्डला को वहां से भगा दिया।
09.11.2009 को आसीन गंभीरा की मृत्यु के बाद यू मण्डला फिर आता है और और अपनी पढ़ाई पूरी होने तक उसी मठ के एक कमरे में रहने की वितनी करता है। ए. लक्ष्मी ने उसकी बात को मानकर उसकी पढ़ाई पूरी होने तक मठ में रहने की अनुमति दे दीं।
प्रिया राव आगे बताती हुई कहती हैं यू मण्डला 2010 में आता है और 2014 तक इस मठ में रहा। इसके बाद इसके मठ के परिसर में आने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दिया बुआ ने।
प्रिया की माने तो यू मण्डला अन्दर ही अन्दर साजिश रचता रहा और 16 सितम्बर 2024 को अपने कुछ साथियों के साथ मठ पर कब्जा करने की नीयत से आ धमका। इस दौरान उसने ए. लक्ष्मी और उनकी भतीजी प्रिया के साथ मारपीट की। उनका सारा सामान फेंकवा दिया।
प्रिया आंखों में आंसू लिए कहती है यू मण्डला के लोगों ने मेरे साथ हाथापाई की। मुझे जमींन पर घसीटा गया जिसके कारण मेरे पेट में पल रहे सात माह का गर्भ गिर गया।
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इस घटना के बाद से प्रिया अपनी बुआ ए. लक्ष्मी को साथ लेकर वाराणसी जिले के आला अधिकारियों के यहां गुहार लगा रही हैं कि उनके साथ न्याय किया जाय। प्रिया की मानें तो वह कमिश्नर, डीएम, एसएसपी और एलआईयू में प्रार्थना पत्र देकर अपनी गुहार लगा चुकी हैं लेकिन अभी तक उन्हें सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है।
मामला कोर्ट में विचाराधीन है बावजूद किस तरह से यू मण्डला 16 सितम्बर का 2024 को नौ साल बाद (2015 के बाद वह मठ में नहीं रहा) कैसे मठ के एक हिस्से पर कब्जा कर लेता है और पुलिस कुछ नहीं करती? यह एक बड़ा सवाल है। प्रिया कहती हैं – पुलिस भी उन लोगों से मिली हुई है। यू मण्डला कहता है कि जाओं जहां जाना है जाओ, कोई कुछ नहीं कर पाएगा। मेरे पास पैसा है। मैं लोगों को खरीद लूंगा।
वाराणसी जिला प्रशासन से कोई सहयोग होता न देख प्रिया राव मय परिवार 28 नवम्बर 2024 को धरने पर बैठ गईं। इस दौरान प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ को सम्बोधित एक संदेश में प्रिया राव ने भावुक अपील करते हुए कहा- प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आप तो दावा करते हैं कि आपके राज्य में गुंडों माफियाओं की जगह जेल में है। नारी जाति पर जो भी अत्याचार करेगा हमारी सरकार में उसे बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन यहां पर तो हमारे साथ अत्याचार हो रहा है और पुलिस मूक दर्शक बनी हुई है। मठ की मालकिन को ही मठ से बाहर कर दिया जा रहा है। उनके साथ मारपीट की जा रही है। अगर हमें न्याय नहीं मिला तो मैं जान भी दे सकती हूं।
प्रिया की मानें तो इस मठ की नींव यू नंदवंथा के द्वारा रखी गई थी। फिर उन्होंने अपने शिष्य डॉ आसीन गंभीरा को इस मठ का प्रमुख बना दिया। उसके बाद डॉ आसीन गंभीरा ने अपनी बहन ए. लक्ष्मी को इस मठ का प्रमुख बना दिया।
ऐसे में जब ए. लक्ष्मी इस मठ की प्रमुख हैं तो उनके ही अनुसार ही सब कुछ चलना चाहिए। लेकिन मठ की प्रमुख को ही कुछ बाहरी लोगों के साथ मिलकर यू मण्डला बाहर करना चाह रहे हैं। प्रिया के अनुसार वह आए दिन ए. लक्ष्मी को तरह तरह से प्रताडित कर रहा है। आए दिन मारपीट, गाली गलौज के साथ जान से मारने की धमकी देता रहता है। यही नहीं जब न्याय तक की टीम मठ में पहुंची तो उन पर दबाव बनाने के लिए उनकी भी फोटो खीची जाने लगी।
न्याय तक की टीम ने जब यू मण्डला से बात करनी चाही और उनका पक्ष लेने का प्रयास किया तो वह इसके लिए तैयार नहीं हुए।
मठ में अभी भी 15-20 की संख्या में बाहरी लोगों का कब्जा है। उसमें कुछ नेपाली लड़के अपने परिवार के साथ भी रह रहे हैं।
एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ यूपी में रामराज्य की बात कर रहे हैं तो वही दूसरी तरफ प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में बौद्ध मठ की प्रमुख ए.लक्ष्मी को न सिर्फ मठ से जबरी बाहर करने का प्रयास किया जा रहा है बल्कि कई बार तो उनके उपर जानलेवा हमला कर उनकी हत्या का प्रयास भी किया जा चुका है। यही नहीं ए.लक्ष्मी की भतीजी जो उनके साथ बचपन से ही मठ में ही रह रही है उसके साथ भी मारपीट की जा चुकी है।
हद तो तब हो गई जब यू मण्डला के लोगों ने प्रिया के साथ मारपीट की। उसे जमींन पर घसीटा, जिससे उसके पेट में पल रहा सात माह का गर्भ गिर गया। आंखों में आंसू लिए प्रिया कहती है जिस रूम में हमारा खाना बनता था वहां भी यू मण्डला के लोगों ने ताला तोड़कर कब्जा कर लिया है। आए दिन वह हमारी बुआ से कहता रहता है कि कागज पर साइन कर दो नहीं तो जान से हाथ गंवा दोगी।
प्रिया ने आगे बताया मेरे बेटे को लेकर उसके आदमी भाग गए और बोले कागज पर साइन कर दो। मेरी बुआ ने कहा कि तुम लोग बच्चे के साथ जो भी करना है कर दो, मैं कागज पर साइन नहीं करूंगी। बाद में वे लोग मेरे बेटे को छोड़ दिए।
प्रिया लगातार पुलिस पर यह आरोप लगाती जा रही हैं कि पुलिस पैसा लेकर यू मण्डला को मठ पर कब्जा करने की खुली छूट दे दी है। इस बारे में रोडवेज चौकी इंचार्ज रवि मलिक का कहना है- वह एक मठ है। यू मण्डला पिछले 40 वर्षों से उस मठ में रह रहे हैं। ऐसे में उन्हें कैसे निकाला जा सकता है। यही नहीं वह मठ नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आता है। पूरा मामला उत्तराधिकार को लेकर है। जो कि न्यायालय में चल रहा है। न्यायालय जिसके पक्ष में फैसला देगी, उसी को हम भी मानेंगे।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल अब यह उठता है कि जब एक व्यक्ति की पिटाई की जा रही है और उसके उपर जानलेवा हमला किया जा रहा है तो पुलिस इस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं करती ?
मठ के पास रहने वाले एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि दरअसल इस जमींन पर बड़े -बड़े भू-माफियाओं की नजर है। इसमें बनारस के स्थानीय नेता भी शामिल हैं। सभी मिलकर बेशकीमती जमींन हड़पना चाहते हैं।
जिस प्रकार से यू मण्डला मठ पर अपना कब्जा जमाते जा रहा है और मठ की प्रमुख ए लक्ष्मी के साथ मारपीट कर मठ के बचे हुए कब्जे को भी अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा है और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है, इससे यही प्रतीत हो रहा है कि यू मण्डला के साथ पुलिस पूरी तरह से मिली हुई है। आज खबर लिखे जाने के समय यू मण्डला के लोगों ने बौद्ध मंदिर का ताला जो ए लक्ष्मी ने लगाया था, को तोड़कर अपना ताला लगा दिया।
फिलहाल यह देखना रोचक होगा कि यू मण्डला दबंगई के बल पर मठ पर कब्जा करने में कामयाब होता है या प्रिया राव मठ को बचाने में।
डॉ राहुल यादव न्याय तक के सह संपादक हैं। पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं । दलित, पिछड़े और वंचित समाज की आवाज को मुख्यधारा में शामिल कराने के लिए, पत्रकारिता के माध्यम से सतत सक्रिय रहे हैं।