लोकतंत्र की हत्या का खेल और गाशिप तौर पर राजनीतिक सच की तलाश

लोकतंत्र की हत्या का खेल और गाशिप तौर पर राजनीतिक सच की तलाश

भले ही बॉलीवुड फिल्में इन दिनों दर्शकों की उम्मीदों पर ज्यादातर खरी नहीं उतर रही हैं, मगर कभी-कभी उनका कोई सीन या डायरलॉग छू लेता है। इन दिनों जबकि चारों तरफ इलेक्शन बॉन्ड, कंपनियों द्वारा राजनीतिक दलों को दिया जाने वाला चंदा चर्चा में है। मगर इसके साथ ही यह भी सवाल है कि आखिर खेल चल रहा है, इसमें एक हाथ से दूसरे हाथ में चोरी-छुपे गया पैसा आखिर किसका है। जनता काॽ इधर जनता को गरीब बना कर रखा जा रहा है और उधर राजनीति चमकारने के लिए करोड़ों के वारे-न्यारे किए जा रहे हैं। ऐसे ही दौर में नेटफ्लिक्स पर फिल्म आई है, मर्डर मुबारक। भले ही इसका चंदे, जनता और उसकी गरीबी से कोई कनेक्शन नहीं है। मगर कुछ बात जरूरी है, जिसे आप डेमोक्रेसी के मर्डर से जोड़कर देख सकते हैं। देखिए फिल्म का रिव्यू इस वीडियो में…

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