सर्व सेवा संघ को गिराने वाले अफसरों को मिले सजा- रामधीरज
वाराणसी। महात्मा गांधी की विरासत को बचाने के लिए बनारस स्थित राजघाट परिसर के सामने चल रहे सत्याग्रह का आज 60 वां दिन है। इस सत्याग्रह में अब तक उड़ीसा,पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र,राजस्थान, मध्य प्रदेश,त्रिपुरा और गुजरात के लोगों की भागीदारी हो चुकी है। फिलहाल 6 से 10 नवंबर तक तेलंगाना की टीम सत्याग्रह में शामिल है। 11 नवंबर से 15 नवंबर तक सत्याग्रह में शामिल होने के लिए तमिलनाडु की टीम आ रही है।
भारत की महान संत परंपरा और स्वतंत्रता आंदोलन में विकसित हुए सेकुलर फेडरल और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक की विरासत को बचाने के लिए 11 सितंबर (विनोबा जयंती) से सर्व सेवा संघ के आह्वान पर “न्याय के दीप जलाने” की सोच के साथ 100 दिवसीय सत्याग्रह जारी है जो 19 दिसंबर 2024 को संपन्न होगा।
आज के सत्याग्रह में उपवास पर तेलंगाना प्रदेश के भूपालपल्ली जिले से कंथाला सामीरेड्डी बैठे हैं। वे श्रम संबंधी क्षेत्र में कार्यरत रहे और मजदूरों के यूनियन की भी जिम्मेवारी संभाली। फिलहाल वे कृषि कार्य में संलग्न है साथ ही जिला सर्वोदय मंडल के कोषाध्यक्ष भी हैं। गोपाल राव के माध्यम से उन्हें सर्वोदय सर्व सेवा संघ और भूदान के संबंध में जानकारी मिली। वे अपने समुदाय के लिए कुछ करना चाहते थे इसलिए वे इस आंदोलन से जुड़ गए । उन्हें इस बात की बहुत प्रसन्नता है कि वे सत्याग्रह में शामिल हुए हैं। गांधी विनोबा और जयप्रकाश की विरासत को नष्ट करने की कोशिश को वे गलत मानते हैं। वे चाहते हैं कि पहले की तरह इस परिसर को आबाद किया जाए।
उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष राम धीरज ने कहा कि जिस तरह महाराजगंज में बुलडोजर एक्शन करने वाले अधिकारियों को दंडित करने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है,उसी प्रकार सर्व सेवा संघ को गिराने वाले अफसरों को भी सजा मिले। कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए महाराजगंज शहर में 5 साल पहले पत्रकार मनोज तिबड़ेवाल का घर मनमाने तरीके से गिरा दिया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में पीड़ित को 25 लाख रुपया मुआवजा देने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ राज्य सरकार को कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया है। राम धीरज ने कहा कि बनारस के कुछ अफसर ठीक यही मनमानी सर्व सेवा संघ में भी किए हैं और उन्हें भी अपने किए की सजा आज नहीं तो कल जरूर मिलेगी। राजनीतिक आड़ में चल रहे कुकर्म बनारस में तबाही के कारण बने हुए हैं।
सर्व सेवा संघ के मंत्री अरविंद कुशवाह ने कहा कि आज 9 नवंबर को हमारे प्रिय जनकवि ‘धूमिल’ की जयंती है। आज समाज और देश जिन कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा है, ऐसे दौर में धूमिल की कविताएं ज्यादा प्रासंगिक हो जाती हैं। ये कविताएं प्रतिरोध की संस्कृति और जनवाद की लडाई को मजबूती प्रदान करती है।
आज के सत्याग्रह में उपवासकर्ता कंथाला सामीरेड्डी के अलावा सर्व सेवा संघ के मंत्री अरविंद कुशवाह, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष राम धीरज, इंदौर से आए लेखक एवं पत्रकार शशिकांत गुप्ते, शिवानी, शक्ति कुमार, गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता जागृति राही पूर्वांचल बहुजन मोर्चा के अनुप श्रमिक, प्रधान किशन राज पाल, इंदु पांडे, मेत्री मिश्रा, पूनम, शिवम चौरसिया, अशोक, टोटो यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण काशी, जोखन सिंह यादव, ग्राम प्रधान सोनिया यादव, तारकेश्वर सिंह, सुरेंद्र नारायण सिंह, सिस्टर फ्लोरीन, तेलंगाना से भास्कर, गिरी प्रसाद, गोविंदम्मा, आजमा शमी रेड्डी, अनवर पाशा, श्रीधर रेड्डी, पुष्पमा, अन्तम्मा, लोक समिति आश्रम के नंदलाल मास्टर विद्याधर एपी सिंह आदि शामिल हुए।
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