सौ दिनी सत्याग्रह के 62 वें दिन गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता जागृति राही उपवास पर

सौ दिनी सत्याग्रह के 62 वें दिन गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता जागृति राही उपवास पर

गांधी विरासत को बचाने के लिए वाराणसी स्थित राजघाट परिसर के सामने चल रहे सत्याग्रह का आज 62 वां दिन है। इस सत्याग्रह में अब तक उड़ीसा,पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र,राजस्थान, मध्य प्रदेश,त्रिपुरा और गुजरात की भागीदारी हो चुकी है। फिलहाल 6 से 10 नवंबर तक तेलंगाना की टीम सत्याग्रह में शामिल रही । 11 नवंबर से 15 नवंबर तक सत्याग्रह में शामिल होने के लिए तमिलनाडु की टीम आ रही है। हरियाणा, दिल्ली, केरल,हरियाणा समेत 16 राज्यों की भागीदारी सुनिश्चित हो चुकी है।

भारत महान संतों का देश है। नानक, कबीर,रैदास,चैतन्य महाप्रभु,रामकृष्ण परमहंस,स्वामी विवेकानंद,निजामुद्दीन औलिया, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती आदि मानवीय विभूतियों की उदार एवं समावेशी परंपरा तथा स्वतंत्रता आंदोलन में विकसित हुए सेकुलर फेडरल और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक की विरासत को बचाने के लिए 11 सितंबर (विनोबा जयंती) से सर्व सेवा संघ के आह्वान पर “न्याय के दीप जलाए जलाए -100 दिवसीय सत्याग्रह जारी है जो 19 दिसंबर 2024 को संपन्न होगा।

उनका जन्म एक गांधीवादी परिवार में हुआ है और ये तीसरी पीढ़ी की प्रतिनिधि हैं। इन्होंने सन 2000 में बीएचयू से पीएचडी करने के लिए टेस्ट पास किया लेकिन इनकी रुचि जमीन पर कार्य करने में थी। विभिन्न विषयो, जैसे पंचायत राज में महिलाओं का प्रतिनिधित्व, राष्ट्रीय महिला कोश द्वारा महिलाओं की मदद का अध्ययन, मदरसा, सरस्वती शिशु मंदिर का अध्ययन, ज्ञानवापी समस्या आदि पर शोध एवं अध्ययन में शामिल रही। इसी वर्ष नौकरी छोड़ कर बनारस में विजन नाम से अपनी संस्था बना कर बनारस के स्लम में बुनकरों ,मल्लाहों के बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य बाल अधिकार पर काम करने लगी। 2014 तक इस संस्था द्वारा 1200 से ज्यादा परिवारों में काम किया। 500 मुस्लिम बुनकर बेटियों को हाईस्कूल तक शिक्षा दिलाई, हजारों बच्चों को स्कूल की शिक्षा से जोड़ा कुपोषण और टीबी के खिलाफ अभियान चलाया। जनता के मुद्दे जनता की सरकार नाम से प्रदेश में जन घोषणा पत्र अभियान चलाया। संविधान के रास्ते सद्भावना के वास्ते अभियान स्कूलों,कॉलेज में चलाया। महिलाओं और बच्चों के अधिकारों पर जागरूक करने के लिए विभिन्न संस्थाओं के साथ जन शिक्षण कार्य करना जारी है। 2014 के बाद संस्था को मिलने वाली मदद बंद हो गई है। 2016 से 5 वर्ष तक बनारस में किशोर न्याय बोर्ड में मजिस्ट्रेट के पद पर सदस्य के रूप में कार्य किया। मंडल स्तरीय महिला और बाल अधिकार की अनुश्रवण समिति में सदस्य रही।

जागृति राही में संघर्ष की प्रवणता कोकाकोला के खिलाफ आंदोलन से मुखर हुई। जेल भी जाना पड़ा। उसके बाद गांधी विद्या संस्थान पर आर एस एस के हमले के खिलाफ संघर्ष में लगी। गंगा- वरुणा- असी नदी की अविरलता के लिए और सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ सद्भावना के लिए साझा संस्कृति मंच के साथ अभियान चलाई। राष्ट्रीय स्तर पर Nafre के कोर कमिटी में शामिल हो कर शिक्षा अधिकार आंदोलन से जुड़ी रही। वॉयस ऑफ पीपुल संगठन के प्रदेश के कोर कमिटी में रही और जवाब दो हिसाब दो अभियान चलाया। Napm से जुड़ी रही। भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसान आंदोलन मिट्टी सत्याग्रह में सहभागिता की। साबरमती से श्रीनगर महिला यात्रा और बुद्ध से कबीर यात्रा में शामिल हुई। एन आर सी, सी ए ए के खिलाफ छात्रों के आंदोलन में शामिल हुई जिसमें इनके खिलाफ सरकार ने मुकदमा दर्ज कर दिया और 50 हजार का इनाम घोषित किया। राजनीतिक कार्यकर्ताओ के वैचारिक प्रशिक्षण से भी जुड़ी और यूपी चुनाव के पहले 80 विधानसभा में घूम कर ट्रेनिंग दी।आज भी सर्व सेवा संघ- साधना केंद्र परिसर को हड़प कर ध्वस्त करने के खिलाफ न्याय की मांग के साथ लड़ाई में शामिल हैं।

आज के सत्याग्रह में उपवासकर्ता जागृति राही के अलावा उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष राम धीरज,लेखक एवं पत्रकार शक्ति कुमार, पूर्वांचल बहुजन मोर्चा के अनुप श्रमिक, शांति देवी,सर्व सेवा संघ प्रकाशन के संयोजक अशोक भारत, ईश्वर चंद्र,तारकेश्वर सिंह, सुरेंद्र नारायण सिंह, लोक समिति आश्रम के नंदलाल मास्टर, लोग चेतना समिति से पूनम, वंदना, एन ए पी एम से महेंद्र, अजय यादव, लवली यादव, सुनीता यादव, महेंद्र कुमार आदि शामिल हुए।

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