मनरेगा मजदूर यूनियन से संबंधित किशोरियों ने किया सत्याग्रह का समर्थन

मनरेगा मजदूर यूनियन से संबंधित किशोरियों ने किया सत्याग्रह का समर्थन

आज सत्याग्रह स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए इंडियन पीपुल्स फ्रंट के प्रमुख एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र नेता रहे अखिलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि आज एक राष्ट्रव्यापी नवनिर्माण आंदोलन की आवश्यकता है जो जनता के वास्तविक मुद्दों पर केंद्रित होगा। उन्होंने कहा कि ढाई परसेंट अतिरिक्त कॉरपोरेट टैक्स लगाने से छोटे किसानों, मजदूरों, बुनकरों, छोटे उद्योगों की सहायता की जा सकती है और इससे रोजगार का सृजन होगा। आज रोजगार देश का मुख्य संकट बन चुका है। रोजगार को केंद्र में रख कर राजनैतिक आर्थिकी विकसित करनी होगी। राजनीति का अर्थ सिर्फ चुनाव नहीं है बल्कि सत्ता को जन तक पहुंचाना हमारी राजनीति का मूल उद्देश्य है। इस सभा को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शशि शेखर सिंह, दिल्ली के पूर्व विधायक हरीश खन्ना गांधीवादी विद्याधर जागृति राही, विकास कुमार, योगिराज, रेनू पटेल आदि ने भी संबोधित किया।

मनरेगा मजदूर यूनियन से संबंधित समता किशोरी युवा मंच की ओर से 40 किशोरियों का एक जत्था सत्याग्रह स्थल पर आकर अपना समर्थन दिया। इस जत्थे में ज्योति, प्रियंका, सिमरन, साधना, पिंकी, सपना, रेनू, दिव्या, रूपा, एकता, ममता, सोना, लक्ष्मी, सोनाली, आकांक्षा, अनु, आरती, रिया, भारती तथा अनिल मौर्य आदि शामिल थे।

गांधी विरासत को बचाने के लिए वाराणसी स्थित राजघाट परिसर के सामने चल रहे सत्याग्रह का आज 81 वां दिन है। स्वतंत्रता आंदोलन में विकसित हुए लोकतांत्रिक भारत की विरासत और शासन की मार्गदर्शिका- संविधान को बचाने के लिए 11 सितंबर (विनोबा जयंती) से सर्व सेवा संघ के आह्वान पर “न्याय के दीप जलाएं -100 दिनी सत्याग्रह जारी है जो 19 दिसंबर 2024 को संपन्न होगा। सत्याग्रह आज सर्व धर्म प्रार्थना एवं गीता पाठ के साथ अपने 81वें पायदान पर पहुँच गया है।

आज के उपवासकर्ता राजित राम द्विवेदी वर्तमान समय में श्री लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय, गंज बासौदा, विदिशा, मध्य प्रदेश में विधि विभाग में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। गांधी विचार को पढ़ने से अधिक इन्होंने अपने परिवार से अपने दादा जी सूर्य प्रताप द्विवेदी के जीवन और आचरण से सीखा है। वे स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी थे। उन्हें रेल की पटरी उखाड़ते समय गोली लगी थी। पढ़ाई-लिखाई उनकी अधिक नहीं थी लेकिन उनका जीवन सादगी से ओत-प्रोत था, दूसरों की खूब मदद करते थे। ये सब करते हुए प्रो राजित ने उनको बचपन में देखा था। बात–बात में वे गांधी चर्चा करते थे। आंखें इन सबको देख सुन रही थीं, इन सब चीजों का असर तो था ही लेकिन इलाहाबाद से बारहवीं की पढ़ाई के बाद स्नातक की पढ़ाई विदिशा में करते समय वहां के प्राध्यापक और गुरु डॉ विजय बहादुर सिंह के मार्गदर्शन में गांधी के बारे में एक व्यापक समझ और दृष्टि विकसित हुई। धीरे-धीरे यह समझ में आने लगा कि एक समतामूलक समाज और उस समाज में न्यायसंगत व्यवस्था बनाने में अगर कोई विचार कारगर है तो वह गांधी विचार है।

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वर्तमान समय में पढ़ाने के अलावा अपने शहर विदिशा में ही गांधी सुमिरन मंच के माध्यम से हर सुबह गांधी को गांधी चौक जाकर याद करना , उनके भजन गाना और शहर के मुख्य चौराहे की साफ–सफाई और आसपास के पेड़-पौधों का ख्याल रखना आदि गतिविधियों में शामिल रहते हैं। इसके साथ ही मध्य प्रदेश सर्वोदय मंडल के साथ मिलकर गांधी और विनोबा के विचार और उनके द्वारा किए कार्यों को लोगों तक पहुंचाने, खासकर युवाओं के बीच, इस दिशा में चिन्मय मिश्र, डॉ सुरेश गर्ग, अरविंद द्विवेदी, अधिवक्ता मोहन दीक्षित एवं अंकित मिश्रा के सहयोग से प्रयास चल रहा है।

आज सत्याग्रह में उपवासकर्ता प्रो राजित राम द्विवेदी के अलावा उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज, वरिष्ठ गांधीवादी विद्याधर, लेखक एवं पत्रकार शक्ति कुमार, लोक समिति के प्रमुख नंदलाल मास्टर, गांधीवादी एक्टिविस्ट जागृति राही, सुरेंद्र नारायण सिंह, महेंद्र कुमार, सिस्टर फ्लोरीन, तारकेश्वर सिंह वाहिनी के साथी रहे ईश्वर चंद्, कांग्रेस के प्रवक्ता संजीव सिंह, अरविंद अंजुम आदि शामिल रहे।

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