जितने पाँच साल में नहीं बढ़े उतने मतदाता पाँच महीने में कैसे बढ़ गए-राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि बार-बार मांग के बावजूद निर्वाचन आयोग की ओर से महाराष्ट्र के मतदाताओं के डेटा उपलब्ध नहीं कराने से लगता है कि कुछ न कुछ गलत है।
नेता प्रतिपक्ष (लोकसभा में) ने संजय राउत और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग को पारदर्शिता लानी चाहिए, महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों से जुड़ी पूरे राज्य की मतदाता सूची उपलब्ध कराना उसकी जिम्मेदारी है
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि महाराष्ट्र में मतदाताओं की संख्या यहां की वयस्क आबादी से ज्यादा है।
‘‘हम उस पूरे विपक्ष का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसने महाराष्ट्र में पिछला चुनाव लड़ा था। हम भारत के लोगों के ध्यान में महाराष्ट्र चुनावों के संबंध में सामने आई कुछ महत्वपूर्ण जानकारी लाना चाहते हैं। हमारी टीम ने मतदाता सूची और मतदान पैटर्न का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया है और हम कुछ समय से इस पर काम कर रहे हैं। दुर्भाग्य से हमें कई अनियमितताएं मिलीं।’’
राहुल गांधी, सदन में प्रतिपक्ष के नेता
उन्होंने कहा कि देश के लिए, विशेषकर युवा लोगों के लिए जो लोकतंत्र के पक्षधर हैं और उसमें विश्वास करते हैं, इन निष्कर्षों से अवगत होना और समझना आवश्यक है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि पिछले साल लोकसभा चुनाव और फिर पांच महीने बाद हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच की अवधि में राज्य में हिमाचल प्रदेश की आबादी के बराबर की संख्या में मतदाता बढ़ गए।’’ उनके अनुसार, लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में पांच महीनों में 39 लाख मतदाता जुड़े, जबकि पिछले पांच वर्षों में 32 लाख मतदाता जुड़े थे।उन्होंने सवाल किए कि ये मतदाता कहां से आए हैं और ये कौन हैं?
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार के अनुसार महाराष्ट्र की कुल जनसंख्या 9.54 करोड़ है। राहुल गांधी ने पूछा कि 5 महीने में 32 लाख वोटर कैसे जुड़े, इतने तो पिछले पांच साल में भी नहीं जुड़े। उन्होंने कहा कि बीजेपी का वोट शेयर इतना अधिक कैसे बढ़ गया? राहुल गांधी ने कहा कि हम कोई आरोप नहीं लगा रहे हैं बल्कि चुनाव आयोग से केवल यह जानकारी मांग रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हम आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन विपक्ष के बार-बार मांग के बावजूद निर्वाचन आयोग महाराष्ट्र में मतदाताओं का डेटा उपलब्ध नहीं करा रहा है। इससे पता चलता है कि कुछ गलत हुआ है।’’ चुनाव आयोग हमारी शिकायतों पर रिस्पॉन्स नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के तीन विपक्षी दल आयोग से पारदर्शिता की अपेक्षा करता है।
उन्होंने दावा किया कि बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं और इनमें अधिकतर मतदाता अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक समुदायों के हैं।
अगर चुनाव आयोग जिंदा है तो उसे जवाब देना चाहिए: संजय राउत
संजय राउत ने तंज कसते हुए कहा कि अब ये वोट कहां से आए? थोड़े वोटर दिल्ली में आए हैं। अब ये वोटर बिहार जाएंगे। इसके बाद यूपी चले जाएंगे। देश के लोकतंत्र के लिए इस सवाल का जवाब जरूरी है। महाराष्ट्र पैटर्न दिल्ली में सामने आया है।
संजय राउत ने कहा कि अगर इस देश का चुनाव आयोग जिंदा है, उनका ज़मीर मरा नहीं है तो राहुल गांधी ने जो सवाल पूछे हैं उनका जवाब चुनाव आयोग को देना चाहिए। लेकिन चुनाव आयोग उसका जवाब नहीं देगा क्योंकि चुनाव आयोग भी सरकार की गुलामी कर रहा है
बैलट पेपर पर चुनाव हो : सुप्रिया सुले
सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि उत्तम जानकार जी सोलापुर में जीते हैं, लेकिन उनको जो वोट मिला है उससे वह संतुष्ट नहीं है। वह फिर से चुनाव चाहते हैं। सांसद धैर्यशील मोहिले जी की मांग है बैलट पेपर पर चुनाव हो। राज ठाकरे ने भी इसका उल्लेख किया है। हम वहां खूब लड़े हैं। पार्टी तोड़ी गई। हमारे नए सिंबल से मिलता-जुलता सिंबल दूसरे को दिया गया। हमारी आपत्ति के बाद भी उस चुनाव चिन्ह को नहीं हटाया। इसलिए एनसीपी सतारा की सीट हारे।
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