कोविड टीकाकरण के कारण हुई मौत और बीमारियों के लिए सरकार व कंपनी जिम्मेदार- फिरोज मीठी बोर वाला

कोविड टीकाकरण के कारण हुई मौत और बीमारियों के लिए सरकार व कंपनी जिम्मेदार- फिरोज मीठी बोर वाला

वाराणसी। कोविड वैक्सीन के दुष्प्रभाव से होने वाली मौत और बीमारियों को लेकर आज आज पराडकर भवन वाराणसी में अवेकन इंडिया मूवमेंट कर कार्यकर्त्ताओं ने प्रेसवार्ता को संबोधित किया।

पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए अवेकन इंडिया मूवमेंट के संस्थापक फिरोज मीठीबोरीवाला ने कहा कि हाल ही में एक्स्ट्रा जेनिका ने यूके की अदालत में प्रोमो साइटोपेनिया ट्स के साथ थ्रांबोसिस के साइड इफैक्टो को स्वीकार करते हुए कहा कि इससे ब्रेन स्ट्रोक हार्ट अटैक एवं अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती है और लोगों की जान जा सकती है।

उन्होंने कहा कि भारत में सिरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड वैक्सीन के निर्माता व सरकार दोनों अब पल्ला झाड़ रही है मोदी जी ने अपना फोटो हटा लिया है।  जबकि भाजपा ने कंपनी के साथ डील करके पहले ही इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से 52 करोड़ का चंदा ले लिया था। इस चंदे की एवज में सरकार ने कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए गैर कानूनी तरीके से लोगों की जान जोखिम में डालकर जबरदसती टीका लगवाने को मजबूर किया। अब कोविड वैक्सीनेशन के कारण लगातार हार्ट अटैक और अन्य बीमारियों से लोग अकाल मौत के शिकार हो रहे हैं।  जिसकी जिम्मेदार सरकार और कंपनी है।

वरिष्ठ अधिवक्ता और आवेकन इंडिया मूवमेंट के उत्तर प्रदेश सलाहकार एडवोकेट प्रेम प्रकाश यादव ने कहा कि कोविड वैक्सीनेशन वैश्विक तानाशाह सरकारों और फार्मा कंपनियों की मिली भगत से आमजन के जान माल को खतरा में डालकर लूटने की साजिश है।  जिससे पूरे देश में लोग अकाल मौत मर रहे हैं। चलते-चलते हार्ट अटैक आ जा रहा है। तमाम बीमारियों से ग्रसित हो जा रहे हैं।

अधिवक्ता प्रेम प्रकाश ने बताया कि भाजपा सरकार ने जब जबरिया वैक्सीनेशन शुरू किया तो अमेरिकन इंडिया मूवमेंट ने पूरे देश में फोर्स वैक्सीनेशन के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया था। जबकि सरकार और  अधिकारियों ने लोगों को वैक्सीन लगवाने पर मजबूर किया और आज उसी का परिणाम स्वरूप पूरे देश में लोग अकाल मौत का शिकार हो रहे हैं।  बीएचयू के डॉक्टरों की टीम ने इस पर रिसर्च कर इसके दुष्प्रभाओं के बारे में बताने की कोशिश की तो सरकार ने उन पर भी दबाव बनाकर रिपोर्ट दबाने और उन्हें चुप कराने का काम किया। उस दौर में जो कार्यकर्ता वैक्सीन के खिलाफ लोगों को जागरुक कर रहे थे उन पर मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी गई और दबाव बनाकर पीछे किया गया।

अधिवक्ता प्रेम प्रकाश ने कहा कि ‘भाजपा सरकार व कंपनी द्वारा किया गया यह कृत्य संघीय और जमानती अपराध की श्रेणी में आता है।‘

पत्रकार वार्ता को जागृति राही, फादर आनंद, राम धीरज, अरविंद कुशवाहा, डॉ आनंद तिवारी, अवधेश सिंह ने भी संबोधित किया।  पत्रकार वार्ता में शामिल लोगों की प्रमुख मांगे निम्नवत हैं-

1 सभी कोविड वैक्सीन पीड़ितों या उनके परिवार के सदस्यों को भारत सरकार और वैक्सीन निर्माताओं द्वारा पर्याप्त मुआवजा दिया जाए।

2  वैक्सीन से घायल लोगों और उनके परिवारों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट और वैक्सीन कोर्ट का गठन किया जाना चाहिए।

3 यह सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय निगरानी लागू की जानी चाहिए कि वैक्सीन प्रतिकूल घटनाओं की यथाशीघ्र पहचान की जाए। शीघ्र उपचार प्रोटोकॉल बनाए जाने चाहिए और व्यापक रूप से प्रचारित किया जाना चाहिए ताकि जीवन बचाया जा सके।

4 उन सभी अधिकारियों को, जिन्होंने झूठ बोला है, गुमराह किया है और भारतीय आबादी को कोविड के टीके लेने के लिए मजबूर किया है, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और भारत के नागरिकों की व्यापक मृत्यु और चोटों के लिए आपराधिक रूप से दंडित किया जाना चाहिए।

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