मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री को बताया झूठा
मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन का बहिष्कार करने को लेकरसोशल मीडिया पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने बताया कि, INDIA पार्टियों ने राज्य सभा से इसलिए walk-out किया क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी जी झूठ बोल रहे थे। वे कहते हैं कि हम संविधान के विरोध में हैं, बल्कि सच्चाई यह है कि BJP-RSS, जनसंघ और उनके राजनीतिक पुरखों ने भारत के संविधान का जमकर विरोध किया था। उन लोगों ने डॉ बाबासाहेब अंबेडकर व पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के उस समय पुतले फूंके थे। ये शर्मनाक बात थी।
सच्चाई ये है कि डॉ बाबासाहेब अंबेडकर ने संविधान के प्रारूप बनाने का श्रेय कांग्रेस को दिया था।
मुझे ये दो बातें भारत की जनता को सदन के माध्यम से बतानी थी।
1) RSS के मुखपत्र Organiser ने 30 नवंबर, 1949 के अंक में संपादकीय में लिखा था कि —
“भारत के इस नए संविधान की सबसे बुरी बात यह है कि इसमे भारतीय कुछ भी नहीं है… प्राचीन भारत के अद्भुत संवैधानिक विकास के बारे में इसमें कोई ज़िक्र ही नहीं है… आज तक मनुस्मृति में दर्ज मनु के कानून दुनिया की प्रशंसा का कारण हैं और वे स्वयंस्फूर्त आज्ञाकारिता और अनुरूपता पैदा करते हैं… हमारे संवैधानिक विशेषज्ञों के लिए यह सब निरर्थक है।” यहां आरएसएस साफ तौर पर भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता यानी अंबेडकर के विरोध में और मनुस्मृति के समर्थन में खड़ी है।
2) बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर ने संविधान का प्रस्ताव पेश करते हुए कांग्रेस की तारीफ करते हुए 1949 में कहा था कि —
66 मुझे बहुत आश्चर्य हुआ था जब प्रारूप समिति ने मुझे अपना अध्यक्ष चुना। समिति में मुझसे बड़े, मुझसे बेहतर और मुझसे सक्षम लोग थे। यह कांग्रेस पार्टी के अनुशासन का ही कमाल था कि प्रारूप समित, संविधान सभा में संविधान को हर धारा और हर संशोधन के बारे में निश्चित जानकारी के साथ प्रस्तुत कर सकी। इस लिए संविधान सभा के समक्ष, संविधान के प्रारूप को अबाध रूप से प्रस्तुत किए जाने के समस्त श्रेय पर कांग्रेस पार्टी का हक बनता है।“
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