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राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने छोड़ा सर्व सेवा संघ

राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने छोड़ा सर्व सेवा संघ

 वाराणसी। जिन मंतव्यों की पूर्ति के लिए संघ ने अपने सियासती तरकश का तीर गांधी की विचारधारा के केंद्र सर्व सेवा संघ पर बुलडोजर चला कर ध्वस्त कर दिया अब उस मन्तव्य के निहितार्थ भी बदलते दिख रहे हैं। दरअसल गांधी विचार धार के इस केंद्र को गांधी के लोगों से छीनकर उसका एक बड़ा हिस्सा संघ के लोगों राष्ट्रीय कला केंद्र के नाम पर दे दिया गया था। इस कला केंद्र का नाम इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र रखा गया था। जिसके संचालन का जिम्मा राम बहादुर राय के पास था।

राम बहादुर राय ने उक्त हिस्से पर अपना कब्जा भी कर लिया था पर अब उन्होंने अब उक्त हिस्से से अपना कब्जा हटा लिया है। सर्व सेवा संघ के लोगों को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने फोन पर बताया कि वाराणसी राजघाट में सर्व सेवा संघ परिसर में स्थित गांधी विद्या संस्थान से मैने अपना कार्यालय हटा लिया है और लिखित रूप से चार्ज वाराणसी कमिश्नर कौशल राज शर्मा को दे दिया है।

राम बहादुर राय ने अपना दुख जाहिर करते हुए यह भी बताया कि कमिश्नर कौशल राज शर्मा का इरादा ठीक नहीं है। वह कहता कुछ है, करता कुछ और है। उसके व्यवहार से मै दुखी हो गया हूं।

सर्व सेवा संघ के ध्वस्तीकरण के समय मैने उसे मना किया था कि मकानों को गिराया जाना अनुचित और अमानवीय और अवैधानिक है।

लेकिन कौशलराज शर्मा ने मेरी बात नहीं मानी और मेरा फोन उठाना भी बंद कर दिया। जबकि इसी कौशलराज शर्मा ने बार-बार फोन कर के पत्र भेज कर मुझे गांधी विद्या संस्थान को अपने नियंत्रण में लेने के लिए कहा था।

आपको पता है कि १५ मई २०२२ को वाराणसी कमिश्नर ने मजिस्ट्रेट और पुलिस भेज कर गांधी विद्या संस्थान के पुस्तकालय और गेस्ट हाउस और निदेशक आवास का ताला तोड़कर जबरन कब्जा कर लिया था जबकि संस्थान का मामला माननीय इलाहाबाद कोर्ट में लंबित है।

वाराणसी कमिश्नर द्वारा जबरन और वैधानिक तरीके से गांधी गांधी विद्या संस्थान का ताला तोड़ने के कारण ही आंदोलन 16 मई को शुरू हुआ था जो आज तक चल रहा है।

गांधी विद्या संस्थान का गेट खुला हुआ है इसको कोई देखने पूछने वाला नहीं है ना तो यहां कोई गार्ड है। लावारिस पड़ा हुआ है।

सर्व सेवा संघ के लोगगांधी की विरासत बचाने के लिए जहां एक तरफ न्यायिक प्रक्रिया में अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ लगातार सामाजिक आंदोलन में बी लगे हुए है। पिछले 78 दिन से परिसर के बाहर सर्व सेवा संघ के लोग और गांधी के तमाम समर्थक 100 दिन का सत्याग्रह कर रहे हैं। जिसमें अब तक देश-प्रदेश के 4 हजार से ज्यादा लोग शामिल हो चुके हैं।  

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