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भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने और वैकल्पिक संविधान लाने की बात करने वालों को जेल भेजना चाहिए- शाहनवाज़

भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने और वैकल्पिक संविधान लाने की बात करने वालों को जेल भेजना चाहिए- शाहनवाज़

नई दिल्ली। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने महाकुंभ में भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने और उसके लिए प्रस्तावित संविधान लाने की बात करने वालों पर सुप्रीम कोर्ट से स्वतः संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ़ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजने की माँग की है।

शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि यह बड़े आशर्चय की बात है कि कुछ संगठन और लोग सीधे भारतीय संविधान को चुनौती देते हुए भारत को धार्मिक राष्ट्र बनाने और उसके लिए वैकल्पिक संविधान लाने की बात कर रहे हैं लेकिन न्यायपालिका इसपर स्वतः संज्ञान नहीं ले रही है। जबकि यह 124 ए के तहत राजद्रोह का गैर जमानती अपराध है. जिसमें तीन वर्ष से लेकर उम्रकैद तक की सज़ा का प्रावधान है।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि न्यायपालिका के शिथिल और गैर ज़िम्मेदार रवैय्ये के कारण ही संविधान को चुनौती देने वालों का दुस्साहस बढा हुआ है. इससे यह संदेश जा रहा है कि न्यायपालिका का एक हिस्सा भाजपा और आरएसएस के दबाव में ऐसे लोगों और संगठनों पर कोई कार्यवाई नहीं कर रही है। पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट के शेखर यादव मामले में भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोई कार्यवाई नहीं किए जाने से यह संदेह और पुख्ता हुआ है कि न्यायपालिका का एक हिस्सा सरकार के संविधान विरोधी साम्प्रदायिक एजेंडे से या तो सहमत है या अपनी ज़िम्मेदारी निभा पाने का साहस नहीं कर पा रही है. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका संविधान की अभिरक्षक है और अगर वो संविधान की भी रक्षा करने में विफल हो रही है तो फिर उसकी प्रासंगिकता पर ही प्रश्नचिन्ह लग जाएगा।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना से सेकुलर और समाजवादी शब्द हटाने के समर्थन में लेख लिखने वाले प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत बिबेक देबरॉय को पद्म विभूषण पुरस्कार दिया जाना साबित करता है कि कुंभ में हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा संविधान बदलने की कोशिश करने वालों को सरकार का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा कि देश की जनता के पैसे से आयोजित हो रहे महाकुंभ में देश के संविधान के खिलाफ़ अगर कोई बोलकर भी जेल नहीं भेजा जाता है तो इसका सीधा मतलब है कि इस अपराध को राज्य सरकार का संरक्षण मिला हुआ है।
उन्होंने बाबरी मस्जिद विध्वंस की आरोपी साध्वी ऋतंभरा को भी पद्म विभूषण देने की निंदा करते हुए कहा कि यह अगले कुछ सालों में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को भारत रत्न देने के भूमिका बनाने की कोशिश है।

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