हरियाणा के साथ जम्मू-कश्मीर में भी हुआ विधानसभा चुनाव का ऐलान
दिल्ली। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस-वार्त्ता कर हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों के साथ पूरे चुनाव कार्यक्रम का ऐलान किया। इसके तहत जहां जम्मू-कश्मीर में तीन चरण में चुनाव का ऐलान किया गया है, वहीं हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीट पर 1 अक्टूबर को एक चरण में मतदान की घोषणा की गई। वहीं 4 अक्टूबर को मतगणना होगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार द्वारा घोषित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना 5 सितंबर को जारी होगी और नामांकन 12 सितंबर तक दाखिल किए जा सकते हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार नाम वापसी की आखिरी तारीख 16 सितंबर होगी। कुमार ने बताया कि मतदान एक चरण में एक अक्टूबर को होगा और चार अक्टूबर को मतगणना होगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने हरियाणा के कुल 90 विधानसभा क्षेत्रों में 2.01 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 95 लाख महिलाएं हैं, जबकि 85 लाख नए वोटर हैं। चुनाव आयोग ने बताया कि हरियाणा में 90 विधानसभा सीट में से 73 सामान्य हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि हरियाणा की सभी सीटों के लिए 20629 पोलिंग स्टेशन हैं। हरियाणा मल्टी स्टोरी इमारतों में भी पोलिंग बूथ होंगे। सीसीटीवी से पोलिंग बूथ की निगरानी की जाएगी।
जम्मू-कश्मीर में दस साल के बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। धारा 377 हटाने के बाद यह पहला चुनाव है। चुनाव आयोग के सामने यहाँ शांति पूर्ण चुनाव कराना बड़ी चुनौती होगी। पिछले दो महीने से सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंकी घटनाएं जिस तरह से बढ़ी हैं और अब तक उन पर काबू नहीं पाया जा सका है उससे यहाँ का चुनाव बड़ी चुनौती बनेगा या फिर जिस तरह से धारा 377 हटाते समय चप्पे-चप्पे पर सेना के जवानों को लगाया गया था उसी तरह से फिर से सेना को लगाकर चुनाव कराया जाएगा? यदि ऐसा किया जाता है तब चुनाव भले ही पूरा हो जाए पर यह मानना आसान नहीं होगा कि जो परिणाम चुनाव से आएगा वह जम्हूरियत की मर्जी है।
हरियाणा में वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार है। इसका कार्यकाल तीन नवंबर को पूरा हो रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में बीजेपी ने जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई थी। हालांकि, लोकसभा चुनाव में सीट साझेदारी को लेकर असहमति के बाद यह गठबंधन टूट गया था। बाद में बीजेपी ने निर्दलीय विधायकों के समर्थन के दम पर अपनी सरकार बचा ली। हरियाणा चुनाव में पहलवानों का मामला भी उभरता दिख रहा है। अपने पहलवानों को लेकर बेहद संवेदनशील हरियाना की जनता में भाजपा को लेकर खासी नाराजगी दिख रही है। ऐसे में हरियाणा में सत्ता में वापसी करना भाजपा के लिए फिलहाल आसान नहीं होगा।
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