कोराना वैक्सीन को लेकर हुआ बड़ा खुलासा, जिंदगी की तलाश में मौत के कितने पास आ गये हम
जिस कोरोना वैक्सीन को सुरक्षा के लिए लगवाया गया था अब उसी वैक्सीन से जान जाने का दर भी सताने लगा है। जी हाँ यह वैक्सीन जानलेवा साबित हो सकती है। दरअसल इस वैक्सीन से हार्ट अटैक का बड़ा खतरा सामने आया है। अब ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने जो खुलासा किया है, उसको जानने के बाद हर आदमी डरा हुआ है।
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब फार्मा कंपनी परजेमी स्कॉट नाम के एक व्यक्ति ने मुकदमा दायर किया। स्कॉट ने आरोप लगाया है कि इस टीके को लेने के बाद वह ब्रेन डैमेज से पीड़ित हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने अपनी इस परेशानी के पीछे एस्ट्राजेनेका के वैक्सीन को दोषी ठहराया था।
कुछ लोगों को याद होगा कि जब कोरोना वैक्सीन तैयार हुई थी तब विपक्ष के कई नेताओं खास तौर पर राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने इस वैक्सीन पर सवाल उठाए थे। उस समय सत्ता और खास तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे हर व्यक्ति के लिए अनिवार्य करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी।
कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की अदालत में पहली बार ये स्वीकार किया है कि कोविड-19 के समय लगाई गई उसकी वैक्सीन से टीटीएस जैसे दुर्लभ साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
यह खबर आई भले ही ब्रिटेन से है पर इसके प्रभाव की जद में हम भारतीय भी हैं। दरअसल यह वही वैक्सीन है जिसे कोवीशील्ड के नाम से भारत के नागरिकों कों भी दिया गया। जिंदगी की उम्मीद में बढ़ चढ़ जब देश लाइन में लगा था तब उसे उम्मीद भी नहीं थी कि यह लाइन आने वाले कल में जिंदगी देने का नहीं बल्कि जिंदगी छीनने का काम करेगी।
अब कंपनी ने खुद ही बता दिया है कि वैक्सीन लेने वाले TTS का शिकार हो सकते हैं TTS का फुल फॉर्म Thrombocytopenia Syndrome होता है। टीटीएस प्रभावित होने पर शरीर में खून के थक्के जमने एवं प्लेटलेट काउंट कम होने की बीमारी शुरू हो जाती है। जिसकी वजह से प्रभावित व्यक्ति को स्ट्रोक, हृदयगति थमने जैसी गंभीर परेशानियां हो सकती हैं।
फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन के हाईकोर्ट में पेश दस्तावेजों में साइड इफेक्ट्स की बात स्वीकार की है पर इन सबके बावजूद भी ये कंपनी इससे होने वाली बीमारियों के दावों का विरोध कर रही है।
ब्रिटिश फार्मा कंपनी का ये वैक्सीन सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर के कई दूसरे देशों को भी निर्यात की गई थी और कुछ देशों में हमारी सरकार की तरफ से तोहफे में भी दी गई थी।
साल 2022 में ही वाराणसी के सामाजिक कार्यकर्त्ताओं और अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति और सरकार को ज्ञापन देकर वैक्सीन की अनिवार्यता खत्म करने की मांग की थी।
कोविड के बाद कुछ समय से भारत में भी ऐसी मौतों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। जिम करते हुये या फिर डांस करते हुये मरने वालों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी देखने कों मिली है।
इस तरह की मौतों कों लेकर कुछ लोग दाबी जुबान से पहले भी वैक्सीन के दुष्प्रभाव कों दोषी मान रहे थे पर अब इस रिपोर्ट के बाद इस तरह की मौत की वजह वैक्सीन कों माना जा रहा है।
भारत में यह खुलासा भले ही अब हुआ है पर इससे पहले एक खुलासा और हुआ था जिससे देश कों पहले ही लगने लगा था कि कहीं ना कहीं कुछ तो गड़बड़ है ।
भारत में कोवीशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने भारत की सत्ताधारी पार्टी भाजपा कों इलेक्टोरल बॉन्ड के रूप में एक दिन में 50 करोड़ की राशि चंदे के रूप में दी थी और अगले 15 दिन में 2.5 करोड़ रूपये का चन्दा अलग से दिया गया था।
फिलहाल चुनाव से ठीक पहले चंदे का खुलासा और अब वैक्सीन कों लेकर हुआ नया खुलासा साफ बता रहा है कि भाजपा को देश की जनता की नाराजगी झेलनी पड़ेगी। सत्ता ने अपने चंदे के लिए देश कों वैक्सीन लगवाने के लिए मजबूर किया था जबकि विपक्ष लगातार वैक्सीन की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहा था।
स्वतंत्र लेखिका एवं समाजसेविका हैं ।