दलितों-पिछड़ों में बढ़ते आक्रोश को मैनेज करने के लिए अनुप्रिया पटेल से भाजपा ने लिखवाई चिट्ठी- शाहनवाज़ आलम

दलितों-पिछड़ों में बढ़ते आक्रोश को मैनेज करने के लिए अनुप्रिया पटेल से भाजपा ने लिखवाई चिट्ठी- शाहनवाज़ आलम

लखनऊ। भाजपा और एनडीए के नेता दलितों और पिछड़ों में आरक्षण व्यवस्था को निष्प्रभावी कर देने से बढ़ते आक्रोश को मैनेज करने के लिए आपस में आरोप प्रत्यारोप करने का नाटक कर रहे हैं। ओबीसी और अनुसूचित वर्गों के अभ्यर्थियों को अयोग्य घोषित कर उन सीटों को अनारक्षित कर देने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मन्त्री और अपना दल (एस) की नेता अनुप्रिया पटेल का मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र इसी नाटक का हिस्सा है। ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 151 वीं कड़ी में कहीं।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि लोकसभा चुनाव में राहुल गाँधी ने संविधान को बदलने और आरक्षण को खत्म कर देने की भाजपा की साज़िश को मुख्य चुनावी मुद्दा बना दिया था। इसी आधार पर दलितों, पिछड़ों और आदिवासीयों ने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन को भारी तादाद में समर्थन दिया था। अब इन तबकों को भ्रमित करने के लिए कि एनडीए के घटक दल भी इस मुद्दे को उठा रहे हैं अनुप्रिया पटेल से भाजपा नेतृत्व ने यह पत्र लिखवाया है। लेकिन अब कमज़ोर तबके जागरूक हो चुके हैं इसलिए भाजपा की डैमेज कंट्रोल की यह कोशिश विफल हो गयी।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि आरएसएस भी रोजगार के मुद्दे पर बढ़ते आक्रोश से डर गया है और इसीलिए लखनऊ में आयोजित अपने चिंतन बैठक में उसने निजी उद्योगपतियों और व्यापारियों को आरएसएस से जोड़कर उनसे युवाओं को रोजगार दिलवाने की बात कर रहा है। इससे साबित होता है कि आरएसएस और भाजपा सरकारी नौकरी देने के अपने वादे से चुनाव परिणाम आने के 20 दिन के अंदर ही मुकर गयी है।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि पेपर लीक मामले में सुभासपा विधायक बेदी राम की गिरफ्तारी छोटे प्यादों को शिकार कर बड़े लोगों को बचाने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि बेदी राम पर 2014 में ही पेपर लीक कराने के कई आरोप लग चुके थे। जिसका उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में भी ज़िक्र किया था। ऐसे आरोपों में कार्यवाई के तहत ही उनकी संपत्तियों को भी कुर्क किया जा चुका था। ऐसे में इसकी संभावना ज़्यादा हो जाती है कि उनके जैसे बदनाम व्यक्ति को भाजपा के सहयोगी दल सुभासपा से टिकट ही इसलिए दिया गया हो कि उनकी पेपर लीक कराने की ‘प्रतिभा’ का लाभ भाजपा सरकार के बड़े लोग उठा सकें और मामला खुल जाने पर बेदी राम को शहीद कर मुख्य सरगना लोगों को बचा लिया जाए।

उन्होंने कहा कि पेपर लीक मामले की जांच हाई कोर्ट के सीटिंग जजों का पैनल बना कर उनकी निगरानी में हो और हर दिन इसकी जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लोगों को दी जाए तब असली गुनाहगार पकड़े जायेंगे।

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