सरकारी बर्बरता और बदले का प्रतीक बन गया है बुलडोजर
सर्व सेवा संघ पर सरकारी कब्जे के खिलाफ चल रहे 100 दिनी सत्याग्रह के 25 दिन पूरे
वाराणसी। न्याय के दीप जलाएं – 100 दिनी सत्याग्रह आज 5 अक्टूबर 2024 को अपने 25 वें पड़ाव पर पहुंच गया। आज उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के गांधी वादी कार्यकर्त्ता सत्याग्रह के क्रम में उपवास पर बैठे हैं।
उपवास पर बैठने वालों में अरुण कुमार मौर्य,चेखुर प्रसाद प्रजापति तथा विद्याधर शामिल है। चंदौली जिले के निवासी अरुण कुमार मौर्य गांधी राष्ट्रीय इण्टर कालेज, सदलपुरा में प्रवक्ता है।
अन्याय के खिलाफ न्याय की विचारधारा को पूरी दुनिया में संदेश देने वाले महात्मा गांधी की राह पर चलते हुए आज सर्व सेवा संघ परिसर को सरकार के अवैध चंगुल से मुक्त कराने के लिए सत्याग्रह के पच्चीसवें दिन में शामिल हुए हैं। चेखुर प्रसाद प्रजापति भागीदारी पार्टी के प्रदेश सलाहकार हैं और गांधी व शास्त्री जी के विचारों पर चलने का प्रयास करते हैं।
76 वर्षीय गांधीवादी विद्याधर ने गाजीपुर के इंटर कॉलेज में 42 वर्षों तक अध्यापन का कार्य किया। वे आज भी प्रातः काल मे लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए बच्चों से नारे लगवाते हैं। अंधविश्वास के खिलाफ वैज्ञानिक चेतना और समतावादी मूल्यों की स्थापना के लिए हर समय सचेत और प्रयासरत रहते हैं। अपने जीवन में सादगी को इस हद तक अपना लिया है ताकि प्रकृति से कम से कम लेना पड़े। यह पश्चिम में चल रहे मिनिमलिज्म आंदोलन के जैसा ही है, हालांकि इसकी प्रेरणा गांधी में निहित है।
उपवासकर्ताओं ने कहा कि सरकार ने सर्व सेवा संघ परिसर पर अवैध कब्जा किया है। सरकार ने कानून का उल्लंघन किया है जो अत्यंत चिंताजनक है।सरकार को कानून के राज की स्थापना का दायित्व सौंपा गया है और यहां खुद सरकार इस सिद्धांत पर बुलडोजर चला रही है। आर एस एस से संचालित सरकार का सर्वाधिक प्रिय वस्तु बुलडोजर है जो बर्बरता और बदले का प्रतीक बन गया है।
आज के सत्याग्रह में मध्य प्रदेश, छतरपूर के वरुण पंचाल, अंकित पंचाल, शिराज अहमद,अंकित सिंह, अशोक भारत, विद्याधर, अरुण कुमार मौर्य, चेखुर प्रसाद प्रजापति,चंद्रमा विश्व कर्मा, दिलीप, कैलाश नाथ सिंह,के पी मौर्य, चौधरी राजेंद्र,राधे सिंह, सुरेंद्र सिंह, जागृति राही, शक्ति कुमार,नंदलाल मास्टर आदि शामिल रहे।
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