बिजली निजी हाथों में सौंपे जाने से आम जनता का शोषण बढ़ जाएगा-शिवनाथ यादव

बिजली निजी हाथों में सौंपे जाने से आम जनता का शोषण बढ़ जाएगा-शिवनाथ यादव

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने आज पूरे प्रदेश में सरकार के बिजली के निजीकरण के निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इसी कड़ी में वाराणसी में भी पार्टी की ओर से जिला मुख्यालय स्थित शास्त्री घाट पर विरोध प्रदर्शन हुआ। इस विरोध प्रदर्शन को भारतीय किसान मजदूर परिषद का भी समर्थन मिला।

हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने वाराणसी और आगरा की विद्युत वितरण निगम को निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया है। सभा में बोलते हुए सीपीआई(एम) के जिलाध्यक्ष शिवनाथ यादव ने कहा कि यह सरकार हर प्रकार से दलित, पिछड़ा और किसान विरोधी है। बिजली निजी हाथों में सौंप दी जाएगी तो मानमाना बिल आएगा। जनता का शोषण बढ़ जाएगा। किसान आत्महत्या करेगा। आम आदमी आज ऐसे ही महंगाई से परेशान है। बिजली का बिल किस प्रकार से जमा करेगा। बिजली के निजीकरण से सभी  सामानों के दाम आसमान छूने लगेंगे। किसान खेती करना छोड़ देगा।

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सभा में बोलते हुए माकपा के जिला सचिव अनिल यादव ने कहा कि सरकार कार्पोरेट जगत का हजारों करोड़ रूपया माफ कर दे रही है लेकिन किसानों जायज मांगों का मानने पर उनके उपर लाठियां भांज रही है। जब किसान अपनी मांग को मनवाने के लिए सड़कों पर उतरता है तो उसकी राह में कीलें बिछायी जाती हैं। जब तक सरकार बिजली के निजीकरण के फैसले को वापस नहीं लेती है तब तक हम विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे। सरकार को अपना फैसला वापस लेना ही होगा।

इस अवसर पर बोलते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रेम प्रकाश यादव ने कहा कि यह सरकार यूवा नौजवान, दलित,पिछड़ा विरोधी है। यह सरकार केवल पूंजीपतियों के हित में काम कर रही है । उनका हजारों करोड़ का कर्ज मांफ कर दे रही है लेकिन आपका एक पैसा भी नहीं माफ करती । आपको किसी भी प्रकार की सब्सिड़ी नहीं दे रही है। आज जो बिजली हमें एक से दो रूपए में मिल रही है वह निजी हाथों में जाने के बाद सात से आठ रूपए में मिलेगी। निजी कंपनियां मनमाना बिजली का दाम बढ़ाएंगी और फिर कुछ नहीं हो सकता । इसलिए हमें मिलकर बिजली के निजीकरण का बड़े पैमाने पर विरोध करना चाहिए।

बुनकर दस्तकार मोर्चा के जिला मंत्री ने अपने वक्तव्य में कहा कि बिजली को निजी हाथों में सौंपने से बुनकरों की हालत और खराब होगी। आज देखा जाय तो वैसे ही बुनकरों की कमर टूट गई है। बिजली के महंगा होने से बची खुची कसर भी पूरी हो जाएगी।

जनवादी नौजवान सभा के जिला मंत्री इम्तियाज अहमद अंसारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज युवा नौजवान सड़कों पर है। उसके सामने  रोजी रोटी की विकट समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है। पढ़े लिखे बच्चे सरकार से जब नौकरी की मांग करते हैं तो उन्हें नौकरी तो नहीं मिलती लाठियां जरूर मिलती हैं। यह सरकार पूरी तरह से फेल है। इस सरकार में आम आदमी का शोषण चरम पर है।

दीक्षा संगठन के अमित ने कहा कि अमित ने कहा कि निजीकरण करने के पीछे बिजली विभाग के घाटे में होने का हवाला दिया जा रहा है लेकिन सच यह है कि बिजली विभाग के घाटे में होने के लिए सरकार की नीतियाँ ही ज़िम्मेदार हैं। उत्तर प्रदेश में निजी कम्पनियों से ऊँची दरों पर बिजली ख़रीदी जा रही है, जिसकी वजह से बिजली विभाग लगातार घाटे में जा रहा है। योगी सरकार की असली मंशा अपने आका पूँजीपतियों की तिजोरी भरना है जिसके लिए वह उनकी कम्पनियों से ऊँचे दामों पर बिजली ख़रीद रही है और अब बिजली के वितरण की ज़िम्मेदारी भी उन्हीं को सौंप कर जनता को लूटने की खुली छूट दे रही है। साफ़ है कि अगर सरकारी बिजली कम्पनियों को बढ़ावा दिया जाये और सरकारी विभागों को दुरुस्त किया जाये तो बिजली की लागत को बहुत कम किया जा सकता है और बिजली विभाग के घाटे को कम या बिलकुल समाप्त किया जा सकता है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री को संबोधित 12 सूत्रीय मांग पत्र डीएम को सौपा गया।

1- यूपी में दक्षिणांचल और पूर्वांचल वितरण निगमों समेत बिजली तंत्र के किसी भी हिस्से के निजीकरण पर पूर्ण रोक लगे। जो निजीकरण किया गया है उसे सरकार वापस ले।

2-पंजाब सरकार की तरह सभी घरेलू बिजली कनेक्शनों पर हर महीना शुरूआती 300 यूनिट पूरी तरह मुफ्त दी जाए और योगी सरकार अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए ट्यूबवेलों की बिजली कनेक्शनों पर किसानों को बिना शर्त मुफ्त बिजली दी जाए।

4-उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में स्मार्ट मीटर योजना को तुरंत रद्द किया जाए।

5-किसानों को नलकूप के लिए कम से कम 18 घंटे की बिजली आपूर्ति की जाए।

6-घरेलू और ट्यूबवेल कनेक्शनों पर कनेक्शन चार्ज, तमाम अधिभार आदि की वसूली बंद की जाय। बिजली खपत के अलावा कोई अन्य चार्ज न लिया जाय।

7-लाइन, ट्रान्सफार्मर,बिलिंग मीटर,कनेक्शन काटने और जोड़ने के बदले वसूले जाने वाला पैसा आदि के खर्चे उपभोक्ता से वसूलना बंद किया जाय।

8-बिजली उपभोक्ताओं से अवैध रूप से वसूले टैक्स का 31725 करोड़ रूपया बिजली विभाग पर जमा है उसे बिजली के बिलों में समायोजित किया जाय।

9-पिछले सालों में ग्रामीण घरों और ट्यूबवेल कनेक्शनों पर जबरन बढ़ाए गए लोड वापस लिए जाएं।

10-बिजली के रेट ईंधन से जोड़ने आयातित कोयला खरीदने की बाध्यता का फैसला वापस लिया जाय। दिन और रात के समय पीक आवर्स के बिजली के अलग अलग तय रेट वापस लिया जाय।

11-पिछले सालों में ग्रामीण घरों और ट्यूबवेल कनेक्शनों पर जबरन बढ़ाए गए लोड वापस लिए जाएं।

12-बिजली विभाग में कर्मचारियों की पर्याप्त संख्या सुनिश्चित की जाए और सभी कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति की जाय। संविदा कर्मियों को नियमित किया जाय।

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