गांधी जी का सत्याग्रह गरीबों का हथियार है-गोविंदम्मा

गांधी जी का सत्याग्रह गरीबों का हथियार है-गोविंदम्मा

गांधी विरासत को बचाने के लिए वाराणसी स्थित राजघाट परिसर के सामने चल रहे सत्याग्रह का आज 61 वां दिन है। इस सत्याग्रह में अब तक उड़ीसा,पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र,राजस्थान, मध्य प्रदेश,त्रिपुरा और गुजरात की भागीदारी हो चुकी है। फिलहाल 6 से 10 नवंबर तक तेलंगाना की टीम सत्याग्रह में शामिल है। 11 नवंबर से 15 नवंबर तक सत्याग्रह में शामिल होने के लिए तमिलनाडु की टीम आ रही है। हरियाणा, दिल्ली, केरल समेत 16 राज्यों की भागीदारी सुनिश्चित हो चुकी है।

भारत महान संतो का देश है। नानक, कबीर,रैदास,चैतन्य महाप्रभु,रामकृष्ण परमहंस,स्वामी विवेकानंद,निजामुद्दीन औलिया, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती आदि मानवीय विभूतियों की उदार एवं समावेशी परंपरा तथा स्वतंत्रता आंदोलन में विकसित हुए सेकुलर फेडरल और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक की विरासत को बचाने के लिए 11 सितंबर (विनोबा जयंती) से सर्व सेवा संघ के आह्वान पर न्याय के दीप जलाए जलाए -100 दिवसीय सत्याग्रह जारी है जो 19 दिसंबर 2024 को संपन्न होगा।

आज रंगारेड्डी जिला की सर्वोदय कार्यकर्ता वी गोविंदम्मा उपवास पर हैं। वे गरीब महिलाओं के बीच काम करती है। एक संगठन के माध्यम से वे गांधी विनोबा के सत्याग्रह के बारे में जानकारी देती है। उनका महिलाओं का एक बहुत बड़ा संगठन है।
गोविंदम्मा का मानना है कि गरीबों का हथियार गांधी जी का सत्याग्रह है। सरकार के पास पुलिस और सेना है, हम उनसे हथियारों के बल पर नहीं लड़ सकते हैं।
गरीबों का हथियार आत्म बल है, सत्याग्रह है, इसीलिए हम सत्याग्रह में आए हैं। जिन विनोवा भावे ने लाखों एकड़ जमीन इकट्ठा कर गरीबों को दिया है, वह हमारे लिए वंदनीय है। आज कोई गरीबों को जमीन देने वाला नहीं है बल्कि लोग झुग्गी झोपड़ी बनाकर रहने वाले गरीबों की जमीन छीन रहे है। हम वहां भी गरीबों की लड़ाई लड़ रहे हैं और यहां भी इस लड़ाई में शामिल होने आए है। गोविंदम्मा पिछले 10 सालों से सर्वोदय से जुड़कर गरीबों को न्याय दिलवाने की लड़ाई लड़ रही है।

उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज ने कहा कि न्यायालय ने नॉर्दर्न रेलवे के उस आवेदन को निरस्त कर दिया जिसे सरकारी पक्ष ने सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 7 नियम 11 के तहत सर्व सेवा संघ के सिविल उद्घोषणा मुकद्दमा 522/2023 के औचित्य को ही चुनौती दिया गया था। यह फैसला 20 अक्टूबर 2024 को आया है। ज्ञात हो कि इसी मामले में उत्तर प्रदेश शासन के इसी प्रकार के आवेदन को माननीय हितेश अग्रवाल के न्यायालय ने पहले ही निरस्त कर दिया था।
रामधीरज ने कहा कि वाराणसी प्रशासन एवं रेलवे के कुछ निरंकुश प्रवृत्ति वाले अधिकारी विधान और संविधान के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। गत दिनों सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कानून की स्थापित प्रक्रियाओं की धज्जियां उड़ाते बुलडोजर एक्शन पर तीखी टिप्पणी करते हुए अवैध बताया है। रामधीरज ने ऐसे अधिकारियों से अपील किया है कि वे छल-प्रपंच, दांव-पेंच और मनमानी का रास्ता छोड़ न्याय के पथ पर चलें।

आज के सत्याग्रह में उपवासकर्ता बी गोविंदम्मा के अलावा सर्व सेवा संघ के मंत्री अरविंद कुशवाह, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष राम धीरज, लेखक एवं पत्रकार शक्ति कुमार, गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता जागृति राही, पूर्वांचल बहुजन मोर्चा के अनूप श्रमिक, सर्व सेवा संघ प्रकाशन के संयोजक अशोक भारत, निशांत, रवि राजभर, ईश्वर चंद्र, नितेश, जयेश, तारकेश्वर सिंह, सुरेंद्र नारायण सिंह, तेलंगाना से भास्कर, गिरी प्रसाद, प्रवीण गोविंदम्मा, आजमा शमी रेड्डी, अनवर पाशा, श्रीधर रेड्डी, पुष्पमा, अन्तम्मा, लोक समिति आश्रम के नंदलाल मास्टर आदि शामिल हुए।

(प्रेस रिलीज)

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