सर्व सेवा संघ के गेट पर जुटे गांधी के लोग, मुश्किल से कर सके महात्मा की मूर्ति पर माल्यार्पण
वाराणसी। स्वतंत्रता दिवस पर सर्व सेवा संघ के गेट पर रेलवे पुलिस सवेरे से तैनात थी। वह गेट पर ना तो गांधीवादी कार्यकर्त्ताओं को खड़ा होने दे रहे थे और ना वहा झंडा लगाने दे रहे थे। वहां मौजूद अधिकारी का कहना था कि यह रेलवे की संपत्ति है, यहां खड़ा होना और झंडा लगाना मना है।
रेलवे पुलिस के व्यवहार से क्षुब्ध सर्व सेवा संघ के कार्यकर्त्ता भारत माता की जय, महात्मा गांधी अमर रहे, विनोबा भावे अमर रहे, जयप्रकाश नारायण अमर रहे, नेताजी सुभाष चंद्र बोस अमर रहे, सरदार पटेल अमर रहे, चंद्रशेखर आजाद- भगत सिंह अमर रहे, राम मनोहर लोहिया अमर रहे, हमारा संविधान जिंदाबाद, संविधान की रक्षा कौन करेगा, हम करेंगे, हम करेंगे, हम आजाद हैं, आजाद रहेंगे आदि नारे लगाने लगे।
गांधीवादी कार्यकर्त्ताओं के बार-बार निवेदन पर कि आज 15 अगस्त को गांधी जी की मूर्ति पर हमें माल्यार्पण करने दीजिए तो उन्होंने कहा कि हमारे अधिकारियों ने मना किया है। इससे सर्व सेवा संघ के कार्यकर्त्ता आक्रोशित हो गए और पुलिस से बहस शुरू हो गई। पुलिस से यह आग्रह भी किया गया कि, आप ऊपर के अधिकारियों से बात करा दीजिए लेकिन मौके पर मौजूद अधिकारी बात कराने के लिए भी तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा, मैं बाहर से आया हूं, मुझे कुछ नहीं मालूम है।
रेलवे पुलिस के अड़ियल रुख के कारण स्वतंत्रता दिवस के दिन भी गांधी के यह समर्थक मजबूरन धरने पर बैठने जा रहे थे तभी आदमपुर प्रभारी निरीक्षक बीरेन्द्र सोनकर आ गए। उन्होंने स्थिति को संभाला और समझदारी से काम लेते हुए कहा कि आप पांच लोग माल्यार्पण के लिए चल सकते हैं। लेकिन कार्यकर्त्ता अड़ गए कि ‘हम सभी लोग अंदर जाएंगे, नहीं तो कोई नहीं जाएगा। हम यहीं गेट पर बैठेंगे।जिस महात्मा गांधी की वजह से देश आजाद हुआ, जिसके साथ लाखों लोग चलते थे, आज हम लोग गांधी जी को नमन भी नहीं कर सकते’। परिस्थिति की गंभीरता को समझते हुए आदमपुर प्रभारी निरीक्षक ने सबको जाने दिया।
अंदर जाकर सर्वसेवा संघ से जुड़े लोगों के साथ गांधी जी के प्रति श्रद्धा रखने वाले लोगों ने गांधी जी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। सर्व सेवा संघ के नेताओं का कहना है कि गांधी जी की मूर्ति का कोई रखरखाव नहीं है, ना तो सफाई है। मूर्ति के चारों तरफ लगी हुई रेलिंग और गमले सब गायब हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का इस तरह अपमान कोई निकम्मी सरकार या निकम्मा विभाग ही कर सकता है।
नेताओं का कहना है कि अवैध रूप से जबरन कब्जा किए गए सर्व सेवा संघ परिसर की रेलवे पुलिस न तो रक्षा कर पा रही है और न वहां कोई साफ-सफाई ही है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष राम धीरज ने कहा कि जिस विनोबा भावे और जयप्रकाश नारायण ने आजादी की लड़ाई में अपना सब कुछ न्योछावर कर देश को आजाद कराया और आजाद भारत में गांव के नव निर्माण के लिए, नौजवानों को ट्रेनिंग देने के लिए एक आश्रम साधना केंद्र बनाया था, उसे बीजेपी-मोदी सरकार ने मटियामेट कर दिया।
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