परीक्षा में धांधली पर सरकार खानापूर्ती कर रही है – भाजपा सरकार के पिछले दस साल छात्रों-युवाओं पर कहर बनकर टूटे हैंपरीक्षा में धांधली पर सरकार खानापूर्ती कर रही है –
वाराणसी। परचा लीक और परीक्षाओं में धाँधली के ख़िलाफ़ दिशा छात्र संगठन की ओर से बीएचयू के लंका गेट पर विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान बड़े पैमाने पर परचे वितरित किये गये और क्रान्तिकारी गीत गाये गये।
सभा में बात रखते हुए दिशा छात्र संगठन के अमित ने कहा कि भाजपा सरकार के पिछले दस साल छात्रों-युवाओं पर कहर बनकर टूटे हैं। स्थिति यह है कि पिछले सात सालों में ही 80 से अधिक परीक्षाओं के पर्चे लीक हो चुके हैं। अनुमान के मुताबिक पर्चा लीक से इन सालों में 1 करोड़ 80 लाख से ज़्यादा छात्र-युवा प्रभावित हुए हैं। सरकार, प्रशासन और शिक्षा माफियाओं का तन्त्र छात्रों-युवाओं के गलों को फन्दों की तरह जकड़ता जा रहा है। एनसीआरबी के पिछले आँकड़ों के मुताबिक देश में साल भर में एक लाख से ज़्यादा युवा आत्महत्या कर चुके हैं।
दिशा छात्र संगठन के ध्रुव ने कहा कि छात्रों-युवाओं के दबाव में आकर सरकार भले ही कुछ प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई करके खानापूर्ति करने में लगी हुई है। जबकि सच यह है कि सरकार तमाम परीक्षाएँ विभिन्न प्राइवेट एजेंसियों के माध्यम से करा रही है और पर्चों की छपाई प्राइवेट प्रेसों पर हो रही है, जिसकी वजह से पर्चा लीक करना और परीक्षा के निगरानी तन्त्र में सेंधमारी करना पहले से कहीं ज़्यादा आसान हो चुका है।
नौजवान भारत सभा की नीशू ने कहा कि वास्तव में मोदी सरकार द्वारा एक-एक करके तमाम सरकारी विभागों को निजी हाथों में बेंचा जा रहा है, जिसकी वजह से पक्के रोज़गार के अवसर लगातार घटते जा रहे हैं। रोज़गार के बढ़ते हुए संकट की वजह से छात्रों-युवाओं के भविष्य पर असुरक्षा की तलवार लटक रही है। ऐसे में जो भी थोड़ी-बहुत सरकारी नौकरियाँ निकल रही है, उसे किसी भी क़ीमत अपने लिए सुरक्षित कराने के प्रयास में पैसे और प्रशासन में पहुँच का इस्तेमाल करके बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जाता है। सच बात यह है कि रोज़गार का बढ़ता हुआ संकट ही परीक्षाओं में धाँधली और भ्रष्टाचार की असली वजह है।
विरोध प्रदर्शन में मुकुल, ज्ञान, शिवम, मनोज, निशा, मुकेश आदि शामिल रहे।
दिशा छात्र संगठन की ओर से प्रदर्शन में निम्न माँगे उठायी गयीं –
- पेपर लीक मामले की तत्काल जाँच करायी जाये और साथ ही हर तरह के भ्रष्टाचार पर रोक लगायी जाये।
- पर्चों की छपाई निजी प्रेसों की जगह सरकारी प्रेसों से करायी जाये।
- जिन परीक्षाओं में धाँधली हुई है, उससे प्रभावित छात्रों के नुकसान का मूल्यांकन कर उचित मुआवज़ा दिया जाये।
- उदारीकरण-निजीकरण की नीतियों को वापस लिया जाये और सभी सरकारी विभागों में ख़ाली पड़े पदों को तत्काल भरा जाये।
- ‘भगतसिंह राष्ट्रीय रोज़गार गारण्टी क़ानून’ पारित करके सबको पक्के रोज़गार की गारण्टी की जाये।
- सबको एकसमान व निःशुल्क शिक्षा और सबको रोज़गार की गारण्टी को मूलभूत अधिकारों में शामिल करो।
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