क्या फिर से जिंदा हो पाएंगे मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने को तैयार संतोष
वाराणसी। बीस साल से ज्यादा वक्त गुजर गया। मृतक संतोष आज भी अपने जिंदा होने की राह तलाश रहा है। रिशतेदारों ने संतोष के हिस्से की जमीन पर कब्जा करने की नियत से अफवाह फैलाई की संतोष मूरत सिंह मुंबई बम ब्लास्ट में मर गया। इस अफवाह को सत्य का जामा पहनाने के क्रम में संतोष का क्रिया-कर्म भी कर दिया गया।
मुंबई में फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर के घर पर काम करने वाले संतोष मूरत सिंह को क्यों रिशतेदारों ने जीतेजी मार दिया?
20 साल पहले मारा गया संतोष क्यों अब तक जिंदा नहीं हो पा रहा है। अपने जिंदा होने का हक पाने, अपने हिस्से का न्याय पाने के लिए संतोष को कितनी मुश्किलें आई पर अब तक वह संवैधानिक तौर पर जिंदा नहीं हो सका है।
देश-विदेश हर जगह से संतोष को जिंदा करने के लिए आवाज उठाई गई पर संतोष मृतक ही रहा। तरह तरह से संतोष ने अपने जिंदा होने को सत्यापित करने प्रयास किया पर हर प्रयास में संतोष के हिस्से सिर्फ निराशा ही आई।
मृतक संतोष अपने जिंदा होने को सत्यापित करने के लिए इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनावी रण में चुनौती देने जा रहा है।
मुंबई, मृत्यु और अब लोकसभा चुनाव, सारे मुद्दों पर संतोष मूरत सिंह ने न्याय तक के मुख्य संपादक कुमार विजय से लंबी बात की।
आप भी जानिए कि क्यों आज संतोष मूरत अपनी छाती पर अपने जिंदा होने का पोस्टर लिए घूम रहा है-
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दो दशक से पत्रकारिता, रंगमंच, साहित्य और सिनेमा से सम्बद्ध। न्याय तक के संपादक हैं।
संपर्क : kumarvijay@nyaytak.com