भाजपा ने मैदान में उतारे अपने मोहरे, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बोला हमला
लोकसभा चुनाव की तारीख अभी घोषित नहीं हुई है पर राजनीतिक गलियारे में सत्ता की चुनावी तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस तैयारी में पहले विपक्ष की कई पार्टियों ने अपने प्रमुख उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी थी। अब सत्तासीन एनडीए की मुख्य पार्टी भाजपा ने भी अपने 195 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है।
उम्मीदवारों की पहली सूची में 34 मंत्रियों और 3 पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी पार्टी ने चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं कई सासदों का पत्ता भी काटा गया है। उत्तर प्रदेश की 51, पश्चिम बंगाल की 20, मध्य प्रदेश की 24, गुजरात की 15, राजस्थान की 15, केरल की 12, तेलंगाना की 9, असम की 11, झारखंड की 11, छत्तीसगढ़ की 11, दिल्ली की 5, जम्मू-कश्मीर की 2, उत्तराखंड की 3, अरुणाचल की 2, गोवा की 1, त्रिपुरा की 1, अंडमान की 1, दमन और दीव की 1 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं।
उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में भाजपा ने यूपी की 51 सीटों के लिए नाम तय कर दिये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट पर ही चुनाव लड़ेंगे। 51 नामों की इस सूची में भाजपा ने 47 सीटों पर 2019 के ही उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है जबकी 4 सीटों पर नए प्रत्याशीयों के नाम सामने आए हैं। भोजपुरी अभिनेता से सांसद बने दिनेशलाल यादव निरहुआ को भाजपा ने वापस आजमगढ़ से अपना उम्मीदवार बनाया है। निरहुआ जहां आजमगढ़ सीट पर एक बार सपा अध्यक्ष से पराजित हुये थे वहीं उपचुनाव में उन्होंने अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेन्द्र यादव को हराने में सफलता हासिल की थी।
कहा जाता है कि बसपा उम्मीदवार गुड्डू जमाली की वजह से सपा का वोट बिखर गया था जिसकी वजह से निरहुआ चुनाव जीत गए थे पर इस बार गुड्डू जमाली समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं जिससे चुनाव पूर्व ही कहा जा रहा है कि आजमगढ़ में सपा वापस अपना झण्डा फहराएगी। फिलहाल अभी बसपा प्रत्याशी कौन होगा इस पर बहुत कुछ निर्भर करेगा।
फिलहाल भाजपा की पहली लिस्ट यानि 195 उम्मीदवारों में सिर्फ 28 महिलाएं शामिल हैं। यह साफ दिखाता है कि महिलाओं को अपनी 33 प्रतिशत भागीदारी को कानून लागू होने तक पार्टियों की दया पर ही निर्भर रहना होगा।
चंदौली से महेंद्र पाण्डेय को भी भाजपा ने तीसरी बार मैदान में उतारा है। इस सीट पर पिछड़ी जाति से ताल्लुक रखने वाली भाजपा की महिला नेता रीता जयसवाल चुनावी तैयारी में लगी थी पर उन्हें मौका नहीं दिया है जिसकी वजह से पिछड़ी जाति के पार्टी सपोर्टर थोड़े खिन्न जरूर दिख रहे हैं। महेंद्र पाण्डेय के सामने सपा ने विरेन्द्र सिंह को मैदान मेन उतारने का ऐलान किया है। मनोज सिंह डब्लू भी सपा के टिकट पर संसदीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे पर उन्हें पार्टी ने मौका नहीं दिया है। मनोज सिंह किसान और कटान के मुद्दों को लेकर लंबे समय से आंदोलनकारी भूमिका में थे।
भाजपा की पहली लिस्ट आते ही समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने X पर जारी अपने एक पोस्ट में कहा, ‘बीजेपी की लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची बता रही है कि प्रथम दृष्टया जिन सीटों पर बीजेपी के जीतने की थोड़ी सी भी संभावना है केवल उन 195 सीटों पर ही ये सूची आई है।भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पहली सूची में ही अपनी हार मान ली है।
यादव ने कहा कि, ‘‘इसका मतलब साफ है बाकी पर बीजेपी साफ है। पहली सूची में ही बीजेपी ने अपनी हार मान ली है क्योंकि वो बगावत के डर से उन लोगों को भी दुबारा उम्मीदवार बना रही है जो अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में कोई काम नहीं करवाने की वजह से या फिर भ्रष्टाचार में संलिप्तता के कारण खुद ही अपनी टिकट के लिए कोई उम्मीद नहीं कर रहे थे।”
यादव ने इसी पोस्ट में सवाल उठाते हुए कहा, ‘जो बोरिया-बिस्तर बांध कर निकलना चाहते थे उन्हें दुबारा दबाव बनाकर लड़ने के लिए कहा जा रहा है। ये अनमने लोग क्या विपक्ष का सामना करेंगे।’
सपा प्रमुख ने कहा, ‘भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच भी इस सूची के आने से गहरी हताशा है क्योंकि वो जनता के बीच अपने अधिकांश सांसदों के खिलाफ चल रही हवा से वाकिफ हैं।’
उन्होंने कहा, जो युवा भाजपाई टिकट की उम्मीद में भाजपा के हर गलत काम में साथ दे रहे थे, वो भी निराश होकर, निष्क्रिय हो जाएंगे। भाजपा की उम्मीदवारों की सूची, भाजपा की नाउम्मीदगी की घोषणा है।
राज्य सभा चुनाव के बाद से अखिलेश यादव भाजपा पर हमला करने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। कांग्रेस के साथ गठबंधन में वह लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
भाजपा के उत्तर प्रदेश के 51 उम्मीदवार
वाराणसी से नरेंद्र मोदी, लखनऊ से राजनाथ सिंह, कैराना से प्रदीप कुमार, रामपुर से घनश्याम लोधी, संभल से परमेश्वरलाल सैनी, बुलंदशहर से डॉ भोला सिंह और आगरा सत्यपाल सिंह बघेल को टिकट मिला है। इसके साथ ही एटा से राजवीर सिंह राजू भैया, मथुरा से हेमा मालिनी, खीरी से अजय मिश्र टेनी, धौरहरा रेखा वर्मा, सीतापुर से राजेश वर्मा, मिश्रिख से अशोक रावत, मोहनलालगंज से कौशल किशोर, लखनऊ से राजनाथ सिंह को टिकट मिला है। झांसी से अनुराग शर्मा, अमेठी से स्मृति ईरानी, फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति, मुजफ्फरनगर से डॉ. संजीव कुमार बालियान, नगीना से ओम कुमार, अमरोहा से कंवर सिंह तंवर, गौतमबुद्धनगर से डॉ. महेश शर्मा, फतेहपुर सीकरी से राज कुमार चाहर, आंवला से धर्मेंद्र कश्यप, शाहजहांपुर से अरुण कुमार सागर को टिकट मिला है।
हरदोई से जय प्रकाश रावत, उन्नाव से साक्षी महाराज, प्रतापगढ़ से संगम लाल गुप्ता,कन्नौज से सुब्रत पाठक, गोरखपुर से रवि किशन, फैजाबाद से लल्लू सिंह, बाराबंकी से उपेंद्र रावत, श्रावस्ती से साकेत मिश्रा, गोंडा से कीर्ति वर्धन सिंह, डुमरियागंज से जगदंबिका पाल, बस्ती से हरीश द्विवेदी, संतकबीरनगर से प्रवीण कुमार निषाद, महराजगंज से पंकज चौधरी, बांसगांव से कमलेश पासवान, आजमगढ़ से दिनेश लाल यादव निरहुआ, चंदौली से महेंद्र नाथ पांडेय, कुशीनगर से विजय दुबे को उम्मीदवार बनाया गया है।
अंबेडकर नगर से रितेश पांडेय को,फर्रुखाबाद से मुकेश राजपूत, इटावा से डॉ. राम शंकर कठेरिया, अकबरपुर से देवेंद्र सिंह भोले, जालौन से भानु प्रताप सिंह वर्मा को प्रत्याशी बनाया गया है। हमीरपुर से कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल, बांदा से आरके सिंह पटेल, लालगंज से नीलम सोनकर, सलेमपुर से रविन्द्र कुशवाहा और जौनपुर से कृपाशंकर सिंह को टिकट मिल गया है।
भाजपा को लगा है झटका
भाजपा की पहली लिस्ट में भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह का नाम भी शामिल था। पार्टी ने उन्हें पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से उम्मीदवार बनाया था पर 24 घंटे के अंदर ही पवन सिंह ने आसान सोल से चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है।
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