मोदी सरकार बहुत ही व्यवस्थित और शातिराना तरीके से समाप्त कर रही है आरक्षण-तेजस्वी यादव
केंद्र की मोदी सरकार बाबा साहेब के लिखे संविधान और आरक्षण के साथ कैसा घिनौना मजाक एवं खिलवाड़ कर रही है, यह विज्ञापन उसकी एक छोटी सी बानगी है। यह बातें एक सरकारी विज्ञापन को लेकर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से कही हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट के साथ विज्ञापन की तस्वीर भी लगाई है।
सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा है कि 𝐔𝐏𝐒𝐂 ने लैटरल एंट्री के ज़रिए सीधे 𝟒𝟓 संयुक्त सचिव, उप-सचिव और निदेशक स्तर की नौकरियां निकाली है लेकिन इनमें आरक्षण का प्रावधान नहीं है। अगर 𝐔𝐏𝐒𝐂 सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से 𝟒𝟓 𝐈𝐀𝐒 की नियुक्ति करती तो उसे 𝐒𝐂/𝐒𝐓 और 𝐎𝐁𝐂 को आरक्षण देना पड़ता यानि 𝟒𝟓 में से 𝟐𝟐-𝟐𝟑 अभ्यर्थी दलित, पिछड़ा और आदिवासी वर्गों से चयनित होते।
तेजस्वी यादव ने कहा है कि मोदी सरकार बहुत ही व्यवस्थित, पद्धतिबद्ध, योजनाबद्ध और शातिराना तरीके से आरक्षण को समाप्त कर रही है। विगत चुनाव में प्रधानमंत्री समेत बिहार में उनकी पिछलग्गू पार्टियाँ और उनके नेता छाती पीट-पीटकर दावा करते थे कि आरक्षण को समाप्त कर कोई उनका हक-अधिकार नहीं खा सकता लेकिन उनकी आँखों के सामने, उनके समर्थन व सहयोग के बल पर वंचित, उपेक्षित और गरीब वर्गों के अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है तथा कथित स्वयंभू 𝐎𝐁𝐂 𝐏𝐌 समेत उनके साथ यूपी-बिहार-झारखंड के 𝐒𝐂/𝐒𝐓 और 𝐎𝐁𝐂 नेता दुर्भाग्यपूर्ण रूप से ताली पीट ठहाके लगा रहे है।
तेजस्वी यादव लगातार बिहार की खराब होती व्यवस्था को लेकर भी सरकार को घेरने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि ‘देश की 𝟗𝟎 फ़ीसदी आबादी का हक़ खाने वालों को जनता माफ़ नहीं करेगी’। अपनी पोस्ट के माध्यम से उन्होंने दलित, पिछड़े, आदिवासी के साथ सामान्य वर्ग के गरीब हिंदुओं से भी सरकार की इस आरक्षण विरोधी नीति के खिलाफ खड़े होने की अपील करते हुए लिखा है, ‘जागो “दलित-पिछड़ा-आदिवासी और गरीब सामान्य वर्ग” जागो! हिंदू के नाम पर ये आपका हक़ खा रहे है तथा आपके अधिकारों की बंदरबांट कर रहे है’।
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