बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही दुनिया में शांति की कल्पना की जा सकती है – संतोष कुमार

बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही दुनिया में शांति की कल्पना की जा सकती है – संतोष कुमार

वाराणसी। डॉ अम्बेडकर बुद्ध शोध संस्थान और भारतीय भीमगर्जना संघ की ओर से संविधान दिवस पर आज सुबह सारनाथ के थाई बुद्ध विहार से संत रविदास नगर औराई गोपीगंज होते हुए हाईकोर्ट प्रयागराज तक विश्व मैत्री शांति यात्रा निकाली गई। यात्रा का मकसद विश्व में शांति,करूणा, मैत्री एवं भाईचारे के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना रहा।

कार्यक्रम के संयोजक जी एल सिंह ने कहा कि पूरे विश्व में जो युद्ध और हिंसा की स्थिति बनी हुई है, ऐसे में पूरी दुनिया में शांति,सौहार्द, करूणा मैत्री और भाईचारा हो, इसके लिए यह यात्रा निकाली गई है ।  आज दुनिया को युद्ध की नहीं बुद्ध की जरूरत है। बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही दुनिया  में शांति की कल्पना की जा सकती है।

कार्यक्रम के आयोजक अनिल सिंह ने कहा कि भवतु सब्ब मंगल का संदेश हम देते हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मदन ने कहा कि आज दुनिया विश्व करूणा सौहार्द से हटकर नश्ल,रंग, वर्ण, जाति और त्रासदी में जल रहा है। उदाहरण के रूप में हम देख सकते हैं कि दो क्षेत्रों में विनाशकारी तांडव महाशक्तियों द्वारा की जा रही है। इससे मानवता शर्मसार हो रही है। इस आणविक युद्ध के बादल जिस प्रकार से गरज रहे हैं, उससे सम्पूर्ण मानवता खतरे में पड़ गई है। समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगा तो सम्पूर्ण मानवता का विनाश होने में देरी नहीं लगेगी।

यात्रा की शुरुआत भदन्त गुरु धम्मो महाथेरो, धम्म प्रशिक्षण केंद्र सारनाथ ने त्रिशरण-पंचशील  से किये। भदन्त ने धम्म देशना में कहा कि भगवान बुद्ध ने मानव कल्याण के लिए समता, मैत्री, करुणा, अहिंसा और शान्ति का उपदेश दिया दुःखों से मुक्ति का उपाय बताया आज के वैश्विक परिदृश्य में बुद्ध के विचारों एवं सिद्धान्तों को आत्मसात कर समस्त मानव जगत का कल्याण किया जा सकता। डॉ. धर्म रश्मि गौतम, सेक्रेटरी थाई बुद्ध मन्दिर ने कहा कि डॉ आंबेडकर ने देश को दुनिया का सर्वोत्कृष्ट संविधान दिया है। हमारा संविधान यह चाहता है कि देश में समता, स्वतंत्रता, न्याय और भाईचारा स्थापित हो, यह यात्रा  लोगों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने का संदेश देगी।

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डॉ. राकेश भारद्वाज जी कहा कि सरकार ने स्कूलों-कॉलेजो को संविधान दिवस मनाने का आदेश जारी किया है लेकिन सरकार को स्कूलों में संविधान पढ़ाने का भी आदेश जारी करना चाहिए।बीबीएस प्रवक्ता डॉ. सन्तोष कुमार संविज्ञ ने कहा कि देश में अमृत काल चल रहा है और इस अमृत काल में संविधान और लोकतंत्र पर बड़ा  हमला किया जा रहा है,नई शिक्षा नीति के द्वारा बहुजनों की पढ़ाई-लिखाई को बर्बाद करने की साजिश की जा रही है। नौकरियां खत्म की जा रही है।

अतः हम सभी लोगों को अपने जीवन और भविष्य को बचाने के लिए] अपने हक व अधिकारों के लिए भी संघर्ष करने की जरूरत है, तभी बहुजन महापुरुषों के सपनों का भारत बन पायेगा।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से-भदन्त सुमेध थेरो,भदन्त धर्मशील,डॉ धर्म प्रिय,अजित कुमार, विकास यादव,सूर्य प्रकाश राव,डा. अनिल कुमार,रवि कुमार, डा. गोविन्द  ललित मौर्य इत्यादि लोगों ने विचार व्यक्त किये।

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