रायबरेली से राहुल गांधी ने किया नामांकन, अमेठी से किशोरी लाल शर्मा बने कांग्रेस के प्रत्याशी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 3 मई को लोकसभा सीट के लिए नामांकन बंद होने से बमुश्किल एक घंटे पहले उत्तर प्रदेश के रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र से अपना पर्चा दाखिल कर लंबे समय से चले आ रहे संशय को खत्म कर दिया है। रायबरेली सीट कांग्रेस परिवार का गढ़ मानी जाती रही है। पिछले दो दशकों से उनकी मां सोनिया गांधी इस सीट से सांसद चुनी जाती जा रही हैं। रायबरेली के साथ अमेठी सीट का सस्पेंस भी खत्म हो गया है। इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से किशोरी लाल शर्मा (Kishori Lal Sharma) को उम्मीदवार बनाया गया है।
राहुल गांधी 2019 में कांग्रेस के दूसरे गढ़ कहे जाने वाले अमेठी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था पर वह चुनाव हार गए थे। राहुल गांधी ने अमेठी के साथ केरल के वायनाड से भी चुनाव लड़ा था और वहाँ से वह चुनाव जीत गए थे। इस बार भी वह रायबरेली के साथ वायनाड सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
आज नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन दोपहर में राहुल गांधी ने पर्चा दाखिल किया। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी रॉबर्ट वाड्रा तथा राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत परिवार के साथ थे।
भाजपा ने भी गुरुवार को दिनेश प्रताप सिंह को रायबरेली से अपना उम्मीदवार घोषित किया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में दिनेश प्रताप सिंह सोनिया गांधी से चुनाव हार गए थे।
राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव ना लड़ने को लेकर केंद्रीय मंत्री और अमेठी सांसद स्मृति ईरानी ने कांग्रेस का मज़ाक उड़ाने की कोशिश जरूर की पर कांग्रेस नेता जयराम ने उन पर पलटवार करते हुये यह पूरा देश कांग्रेस का गढ़ है।
राहुल गांधी के अमेठी और रायबरेली पंहुचने पर राहुल और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव वाले पोस्टर लिए हुये कार्यकर्त्ताओं ने भव्य स्वागत किया। नामांकन यात्रा में कांग्रेस के साथ इंडिया गठबंधन के आँय दल भी शामिल रहे।
रायबरेली सीट पर सोनिया गांधी से पहले राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी और उनके दादा फिरोज गांधी का कब्जा रहा है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने पहले गांधी परिवार से दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने का आह्वान किया था।
‘न्याय तक’ सामाजिक न्याय का पक्षधर मीडिया पोर्टल है। हमारी पत्रकारिता का सरोकार मुख्यधारा से वंचित समाज (दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक) तथा महिला उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाना है।