राजीव गाँधी ने किया था दलितों का सशक्तिकरण- राज बहादुर

राजीव गाँधी ने किया था दलितों का सशक्तिकरण- राज बहादुर

लखनऊ। राजीव गाँधी ने दलित हिंसा विरोधी क़ानून बनाकर दलितों को सुरक्षा की गारंटी दी थी। जिससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ा और वो सार्वजनिक जीवन में आगे बढ़े। आज राहुल गाँधी बहुजन समाज को मिले संवैधानिक अधिकारों को बचाने के लिए संसद से सड़क तक संघर्ष कर रहे हैं। जिससे बहुजन समाज को जुड़ना होगा।

ये बातें पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गाँधी की 80 वीं जयन्ती पर शहर और ज़िला अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा प्रेस क्लब में आयोजित ‘दलित समाज के सशक्तिकरण में राजीव गाँधी की भूमिका’ विषयक गोष्ठी में पूर्व मन्त्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राज बहादुर ने कहीं।

पूर्व मन्त्री मोईद अहमद ने कहा कि पंचायतों में आरक्षण की व्यवस्था लागू कर कमज़ोर तबके के लोगों को राजीव गाँधी ने राजनीति में सशक्त किया। वो चाहते थे कि सबसे कमज़ोर तबके के लोगों को निर्णय लेने का अधिकार दिया जाए। उन्होंने कहा कि पहले लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में इंटरव्यू में नंबर ज़्यादा होता था जिससे दलितों के साथ भेदभाव किया जाता था। राजीव गाँधी ने इसे बदल कर लिखित परीक्षा का नंबर ज़्यादा कर दिया जिसके बाद दलित समाज के लोगों के लिए प्रशासनिक अधिकारी बनना आसान हो गया। इससे दलित समाज सशक्त हुआ।

बस्ती से सांसद रहे पूर्व मन्त्री लालमणि प्रसाद ने कहा कि भाजपा सरकार में संविधान पर लगातार हमले बढे हैं। संविधान और दलितों के अधिकारों की रक्षा के लिए सभी को एक साथ आना होगा।

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गोष्ठी को संबोधित करते अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम

अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा कि राजीव गाँधी सरकार द्वारा चलाये गए दलित समाज के सशक्तिकरण के अभियानों को कमज़ोर करने लिए ही भाजपा ने सांप्रदायिक एजेंडे को तेज़ किया था। इससे समाज की एकता कमज़ोर हुई। राहुल गाँधी उसी सामाजिक एकता को मजबूत करने की लड़ाई लड़ रहे हैं।

ओबीसी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव ने कहा कि राजीव गाँधी सरकार ने दलितों को आईएएस बनाने के लिए इंटरव्यू में नंबर बढ़ा दिया था लेकिन मोदी सरकार लेटरल एंट्री के ज़रिये सवर्णवादी लोगों को बिना परीक्षा दिये ही आईएएस बनाने की फिराक में थी। जिसे राहुल गाँधी के डर से सरकार को वापस लेना पड़ा।

अल्पसंख्यक कांग्रेस के राष्ट्रीय संयोजक शमीम खान ने कहा कि राजीव गाँधी के कार्यकाल तक दलितों और मुसलमानों की राजनीतिक एकता ने भाजपा और आरएसएस को सत्ता से दूर रखा था। आज फिर इन दोनों तबकों को एक साथ आना होगा।

प्रोफेसर आरबी बौद्ध ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 226 कोयला खदानों का राष्ट्रियकरण किया जिससे दलित समाज के 3 लाख लोगों को नौकरियां मिलीं। इसी तरह रेलवे में भी 3 लाख दलितों को नौकरियां मिलीं। 20 बैंकों के राष्ट्रीयकरण से पहली बार दलितों को बैंकों में नौकरी मिलीं। 1950 से 2014 तक कांग्रेस सरकारों ने दो पीढ़ियों के 40 लाख दलितों को नौकरियां दीं जिससे दलितों में मजबूत मध्यवर्ग खड़ा हो गया। आज मोदी सरकार इसी दलित मध्यवर्ग को कमज़ोर करने के लिए संविधान पर हमला कर रही है।

शहर कांग्रेस अध्यक्ष डॉ शहज़ाद आलम ने कहा कि राहुल गाँधी के नेतृत्व में सरकार बना कर राजीव गाँधी जी द्वारा दलित समाज के सशक्तिकरण के अधूरे कामों को पूरा किया जाएगा।

कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ जियाराम वर्मा ने कहा कि दलित, पिछड़े, आदिवासी, महिलाओं और युवाओं सभी को सशक्त किए बिना देश का सशक्तिकरण नहीं हो सकता। राजीव गाँधी इन सभी वर्गों को एक साथ लेकर चलते थे।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता तारिक सिद्दीकी ने राजीव गाँधी सरकार द्वारा दलित समाज के सशक्तिकरण के लिए किए गए कार्यों को दलित समाज में पहुंचाने के लिए अभियान शुरू करने का सुझाव दिया।

गोष्ठी का संचालन ओबीसी कांग्रेस के संगठन सचिव जितेंद्र पटेल ने किया। इस अवसर पर अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अख्तर मलिक, प्रदेश उपाध्यक्ष मसूद खान, महासचिव शमसुल हसन, सलमान ज़िया, ज़िला अध्यक्ष ज़ुबैर अहमद, नावेद नक़वी, शमीम क़ुरैशी, कांग्रेस प्रवक्ता अलीमुल्ला खान, शमसेर मलिक, कासिफ, डॉ रोबिन वर्मा, प्रोफेसर अमित राय, विजय यादव आदि मौजूद रहे।

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