धार्मिक पाखंड को चुनौती दे रहे हैं अर्जक संघ के लोग
वाराणसी। सामाजिक न्याय की लड़ाई आज कई तरह से लड़ी जा रही है। विभेद के खिलाफ समानता और मानवतावाद की स्थापना के लिए अर्जक समाज के लोग धार्मिक संस्कार के नाम पर थोपी गई रूढ़िवादी मान्यताओं को खत्म करने की प्रतिवद्धता दिखा रहे हैं।
इस प्रयास के तहत अर्जक समाज के लोग शादी व्याह और तेरहवीं जैसे संस्कारों की ब्राह्मण धर्मी मान्यताओं को खारिज करके संविधान की शपथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं। इसी क्रम में वाराणसी के धनेसरी ग्राम के पूर्व प्रधान कैलाश पटेल की माता जी के मृत्यु संस्कार में तेरहवीं का बहिष्कार करके शोकसभा का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में उपास्थित अर्जक संघ के लोगों ने बताया कि यह पहल अब पूरे पूर्वाञ्चल में स्थापित होती जा रही है। राम नाम सत्य की अवधारणा को खारिज करते हुए कहा कि जीवन-मरण सत्य है। इसके साथ अंग दान जैसी वैज्ञानिक सोच को भी इस तरह के कार्यक्रम के माध्यम से बढ़ाव दिया जा रहा है। कैलाश पटेल ने भी अपनी माँ की आंखे दान की हैं –
अर्जक संघ के इस तरह के प्रयास को वीडियो में देखा जा सकता है –
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