उच्च पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ़ कार्यवाई के बिना नहीं रुकेंगीआरक्षण घोटाले जैसी घटनाएं – शाहनवाज़ आलम
लखनऊ। अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा है कि यूपी का शिक्षक भर्ती घोटाला हरियाणा के शिक्षक घोटाले से भी बड़ा था लेकिन दोनों के फैसले में विसंगति है। एक में मुख्यमन्त्री को 10 साल की सज़ा हुई तो दूसरे में किसी को भी सज़ा नहीं हुई. एक ही तरह के अपराध में अलग-अलग फैसले आना चिंता का विषय है।
शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि 1999 और 2000 के बीच हरियाणा के मुख्यमन्त्री ओम प्रकाश चौटाला पर 3206 पार्थमिक जूनियर शिक्षकों को भ्रष्ट तरीके से नौकरी देने का आरोप लगा था। जिसमें मुख्यमन्त्री और 53 लोगों को 10 साल की सज़ा हुई थी. वहीं उत्तर प्रदेश में हुए 69 हज़ार शिक्षक महाघोटाले में क़रीब 19 हज़ार लोगों को आरक्षण के नियमों की अनदेखी करते हुए भ्रष्ट तरीके से नौकरी दी गयी।लेकिन न तो मुख्यमन्त्री को, न तत्कालीन शिक्षा मन्त्री को और न किसी अधिकारी को इस भ्रष्टाचार के लिए ज़िम्मेदार माना गया। आख़िर बिना किसी साज़िश और उपरी निर्देश के इतना बड़ा भ्रष्टाचार अपने आप कैसे हो सकता है।
उन्होंने कहा कि जब तक नियमों का उल्लंघन करने वाले बड़े पदों पर बैठे नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ़ कठोर न्यायिक कार्यवाई नहीं होगी तब तक ऐसी घटनाओं पर रोक नहीं लगेगी।
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