संभल में 4 युवाओं की हत्या के लिए एसओ और एसपी ज़िम्मेदार हैं-शाहनवाज़ आलम
पूजा स्थल अधिनियम की अवमानना करने वाले जज आदित्य सिंह के खिलाफ़ कार्यवाई के लिए अल्पसंख्यक कांग्रेस ने भेजा ज्ञापन
लखनऊ। पूजा स्थल अधिनियम 1991 की अवमानना करते हुए संभल की जामा मस्जिद को मन्दिर बताने वाली याचिका को स्वीकार करने वाले जिला सिविल जज आदित्य सिंह के खिलाफ़ कार्यवाई करने के लिए प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस ने विभिन्न जिलों से मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन भेजा है।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा कि संभल में 4 युवाओं की हत्या के लिए एसओ और एसपी ज़िम्मेदार हैं। यह हत्याएं ठंडे दिमाग से की गयीं। पहले दिन जब सर्वे का कोई विरोध नहीं हुआ तो दूसरे दिन सुबह सर्वे टीम के साथ आए हिंदुत्ववादी संगठनों के कार्यकर्ताओं से पुलिस की मौजूदगी में मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ नारे लगवाए गए। पुलिस पर पत्थर भी इन्हीं संगठनों के लोगों से फिकवाया गया ताकि फायरिंग का बहाना मिल सके। इसीलिए रबर की गोलियों से कोई ज़ख़्मी नहीं हुआ और न ही कमर के नीचे किसी को गोली लगी। मारे गए लोगों के पेट और सीने में गोली लगी। जिसका सीधा मतलब है कि ये ठंडे दिमाग़ से की गयी हत्याएं हैं। इसलिए एसपी और एसओ पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम 1991 स्पष्ट करता है कि 15 अगस्त 1947 के दिन तक जिस भी पूजा स्थल का जो भी चरित्र है वो बरकरार रहेगा और उसे चैलेंज करने वाली कोई भी याचिका किसी अदालत में स्वीकार नहीं की जा सकती। ऐसे में संभल सिविल जज का फैसला गैर कानूनी है।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि निचली अदालतों से पूजा स्थल अधिनियम की अवमानना अब एक आम बात हो गयी है जिसमे खास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट चुप्पी साधे रह रहा है। मुख्य न्यायाधीश को अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारी निभाते हुए बिना आरएसएस और भाजपा के दबाव में आए जिला सिविल जज आदित्य सिंह के खिलाफ़ मुख्य न्यायाधीश को कार्यवाई करनी चाहिये।
इसे भी देखें…
‘न्याय तक’ सामाजिक न्याय का पक्षधर मीडिया पोर्टल है। हमारी पत्रकारिता का सरोकार मुख्यधारा से वंचित समाज (दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक) तथा महिला उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाना है।