साहित्य में कुछ नहीं होता है क्लिष्ट- गणेश गंभीर

साहित्य में कुछ नहीं होता है क्लिष्ट- गणेश गंभीर

हिन्दी समाज में धीरे-धीरे किताब पढ़ने की आदत कम होती जा रही है। यह एक बड़ी चिंता है। इस चिंता और हिन्दी साहित्य तथा नवगीत के कुछ पक्षों पर वरिष्ठ साहित्यकार गणेश गंभीर से कुमार विजय की बातचीत आप इस वीडियो में सुन सकते हैं –

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